वॉशिंगटन । ईरान परमाणु समझौते से खुद को अलग करना अमेरिका की बड़ी गलती है। ऐसा कहना है अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का। ओबामा ने कहा कि ईरान परमाणु समझौते (जेसीपीओए) को रद करना डोनाल्ड ट्रंप की बड़ी गलती है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘परमाणु हथियार के संभावित प्रसार या मध्य पूर्व में और भी विनाशकारी युद्ध की संभावना के मुकाबले अमेरिका की सुरक्षा के लिए कुछ मुद्दे अधिक महत्वपूर्ण हैं। जेसीपीओए को खतरे में डालने का आज का फैसला गंभीर गलती है।’
बता दें कि ईरान परमाणु समझौता ओबामा के राष्ट्रपति कार्यकाल में किया गया था, जिसे ट्रंप ने मंगलवार (8 मई, 2018) को रद कर दिया है। ओबामा के कार्यकाल में हुए इस समझौते की ट्रंप पहले भी कई बार आलोचना कर चुके थे। उन्होंने जेसीपीओए में अमेरिकी भागीदारी को समाप्त करते हुए कहा कि यह समझौता अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हित को बचाने में असफल रहा है। उन्होंने इस समझौते को दोषपूर्ण करार दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने ईरान के लंबे समय से पीड़ित लोगों को यह संदेश भी दिया कि अमेरिका के लोग आपके साथ खड़े हैं। ट्रंप ने कहा कि इस समझौते ने ईरान को बड़ी मात्रा में धन दिया और इसे परमाणु हथियार हासिल करने से नहीं रोका।
गौरतलब है कि जुलाई 2015 में ओबामा प्रशासन के दौरान अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन, फ्रांस और जर्मनी के साथ मिलकर ईरान ने वियना में परमाणु समझौता किया था। ट्रंप के फैसले का दुनियाभर में प्रभाव पड़ेगा, इससे ईरान की अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी और पश्चिमी एशिया में तनाव बढ़ेगा।
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