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पुरानी कब्ज दे सकती है बवासीर रोग को जन्म : डॉ. रामवीर गोस्वामी

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गुडग़ांव, 20 फरवरी (ब्यूरो) : आमतौर पर लोगों छोटी मोटी बिमारीयों के लिए डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी नही समझते जोकि अक्सर बडे रोगों मे तब्दील हो जाती है। जिसमे से बवासीर एक खतरनाक रोग हैं, जिसमें मलद्वार के अन्दर रक्त की नसे फूल जाती है, मलत्यागने में कठिनाई होने पर और अधिक ज़ोर लगाने पर गुदा मार्ग में उपस्थित नसों में घाव, और सूजन पैदा हो जाती है, और यह रोग नसो की सूजन के कारण ही विकसित होता है। यह एक दर्दनाक स्थिति होती है। बादशाहपुर स्थित संजीवनी अस्पताल के डॉ. रामवीर गोस्वामी कहते है कि बवासीर की चिकित्सा तुरन्त की जानी चाहिये, क्योकि पुराना बवासीर अत्यधिक गंभीर स्थिति धारण कर लेता है। उन्होनें कहा कि बवासीर दो प्रकार की होती आन्तरिक और बाहरी। डॉ. रामवीर कहते है कि आन्तरिक बवासीर- इस बवासीर में नसो की सूजन दिखती नही है, पर दर्द अनुभव होता है। वही बाहारी बवासीर सबसे कश्टप्रद बवासीर होती है, इसमें नसों की सूजन दिखाई देती हैं, और मलत्यागने में कठिनाई और दर्द, बैठने में दर्द होता है।

कारण:

. गुदा क्षेत्र पर सूजन

. पुराने कब्ज़ की समस्या के कारण

.अनियमित दिनचर्या और खान पान के कारण

बवासीर के यह लक्षण हो सकते है।

.मलद्वार के आस पास कठोर गांठ होना, इसमें रक्त हो सकता हैं जिसके कारण दर्द होता है।

.मलत्यागने पर लाल रक्त का आना ।

.मल त्यागने पर म्यूकस आना और दर्द होना।

.मल त्यागने के बाद भी ऐसा अनुभव होना कि पेट साफ नही हुआ है।

.प्रभावित क्षेत्र पर खुजली और जलन।

.गुदा क्षेत्र में सूजन मल त्यागने पर रक्त आना।

.चिपचिपे पदार्थ का रिसाव होना ।

.मलद्वार पर बार बार खुजली होना।

.रक्त की कमी के कारण कमज़ोरी ।

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