[post-views]

लालू पर छापे की कार्रवाई की सियासत पढ़ रहे विपक्षी दल

57

PBK NEWS | नई दिल्ली। राजद प्रमुख लालू प्रसाद और उनके परिवार के खिलाफ सीबीआई की ताजा छापेमारी की कार्रवाई को लेकर विपक्षी दलों में असमंजस की स्थिति है। विपक्षी दलों के नेताओं का मानना है कि बेशक सीबीआई की कार्रवाई के अपनी वजहें हों मगर जिस मौके पर केंद्रीय एजेंसी ने यह कदम उठाया है उससे आशंका बनती है कि इसका राजनीति मकसद बिहार में ऐसे हालात बनाना है जिसमें नीतीश कुमार को एनडीए के करीब आने के लिए बाध्य किया जा सके।

कांग्रेस समेत विपक्षी खेमे की कई पार्टियों ने शुक्रवार को लालू और उनके परिवार के खिलाफ सीबीआई की छापे की कार्रवाई पर पल-पल की निगाह तो रखी। मगर इन पार्टियों के नेताओं ने तात्कालिक तौर पर छापे को लेकर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त करना मुनासिब नहीं समझा। हालांकि अनौपचारिक चर्चा में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि 2019 के महासंग्राम में उत्तरप्रदेश और बिहार में भाजपा को महागठबंधन से बड़ी सियासी चुनौती की आशंका है।

इसीलिए राजनीतिक रुप से नीतीश को लाने में कामयाबी नहीं मिल पाते देख केंद्र सरकार की एजेंसियां को हथियार बनाया जा रहा है। चूंकि लालू भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर सबसे कमजोर पिच पर खड़े हैं। ऐसे में उनको निशाने पर लेने में भाजपा को दिक्कत भी नहीं है। उनका कहना था कि चूंकि लालू और उनके परिजनों के खिलाफ बेनामी संपत्ति के मामले पहले से ही संवदेनशील हैं ऐसे में रेलवे ठेके में गड़बड़ी के मामले पर भी विपक्षी दलों के लिए सीधे लालू के बचाव में उतरना आसान नहीं है।

विपक्षी मोर्चे का हिस्सा एनसीपी के एक नेता का कहना था कि भाजपा का आकलन है कि लालू पर भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई के बाद नीतीश कुमार के लिए लंबे समय तक राजद के सियासी बोझ को ढोना मुश्किल होगा। ऐसी स्थिति में जदयू को अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए भाजपा की ओर जाने पर मजबूर किया जा सकेगा। लालू से जुड़े सवालों का जवाब देने से बचने के लिए शुक्रवार को कांग्रेस ने अपनी नियमित प्रेस ब्रीफिंग नहीं की। आधिकारिक तौर पर कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों के नेता तत्काल टिप्पणी से जरूर बचते रहे मगर अंदरखाने उनके बीच इस घटना के राजनीतिक प्रभावों और मायनों को लेकर आपसी चर्चाएं होती रहीं।

 

Comments are closed.