PBK News, 11 जुलाई (अजय) : ईराक में चल रहे आई.एस. आतंकवाद को दिए जा रहे जवाब की तरह अब भारत को भी पाक में पनप रहे आतंकवाद को मुहंतोड़ जवाब दिया जाना चाहिए जिसके लिए भारत को पहल करते हुए इसके लिए रणनीति बनाते हुए बड़ी कार्यवाही करनी चाहिए उक्त बातें पूर्व मंत्री केप्टन अजय यादव ने बोलते हुए कही
उन्होंने कहा कि इराक में उत्सव मनाया जा रहा है, लेकिन ये सारी दुनिया के लिए खुशखबरी है। दुनियाभर में आतंक का पर्याय बन चुके इस्लामिक स्टेट (आईएस) को इराकी सेना ने मोसुल से बेदखल कर दिया है। इस प्राचीन शहर पर आईएस ने जून 2014 में कब्जा किया था। यहीं से अबू बकर अल-बगदादी ने खिलाफत (इस्लामिक राज्य) की स्थापना का एलान किया और दुनियाभर के मुसलमानों से उसे अपना राज्य मानने तथा अपने-अपने देश की सरकारों से बगावत करने की अपील की। उसके बाद आईएस ने संसार के अलग-अलग हिस्सों में अपने दहशतगर्दों को फैला दिया। इस बीच इराकी सेना के हजारों सैनिक, कुर्द लड़ाके, सुन्न्ी अरब कबाइली लड़ाके और शिया विद्रोही मोसुल से आईएस को खदेड़ने के लिए लड़ रहे थे। इसमें अमेरिकी वायुसेना इराकी फौज की मदद कर रही थी। इराक के प्रधानमंत्री हैदर अल-अबादी ने रविवार को मोसुल को आजाद करा लेने का एलान किया। इससे सारी पूरी दुनिया में राहत महसूस की गई है।
इसके अलावा यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि आईएस एक संगठन या कथित राज्य के अलावा एक विचारधारा भी बना हुआ था। इस्लामी चरमपंथ का वह चरम रूप है। भौतिक पराजय से उसके द्वारा फैलाया गया जुनून भी समाप्त हो जाएगा, ऐसा मानना एक बड़ी भूल होगी। इसलिए भारत सहित तमाम देशों से अपेक्षित है कि वे अपनी चौकसी बनाए रखें। संभव है कि अपना अड्डा खोने के बावजूद छिटपुट हमले करने की आईएस (या उसकी विचारधारा) की ताकत कायम रहे। इराक से आई अच्छी खबर पर संतोष करते समय इस आशंका के प्रति भी हमें सचेत रहना चाहिए।
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