PBK NEWS |नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइबर स्पेस पर ग्लोबल कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन करने के मौके पर कहा कि जन धन बैंक खातों, आधार और मोबाइल फोन से भ्रष्टाचार कम हुआ है और पारदर्शिता लाने में काफी मदद मिली है. उन्होंने कहा कि तकनीक बाधाओं को तोड़ती है और यह भारतीय परंपरा ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ को मान्यता प्रदान करती है और दुनिया एक परिवार है.
उन्होंने कहा कि हम अपने नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए मोबाइल पावर या एम-पावर का इस्तेमाल कर रहे हैं.डिजिटल टेक्नोलॉजी बहुत से काम करने में सक्षम है. यह कुशल सेवा वितरण और प्रशासन के लिए रास्ता बनाती है. उन्होंने कहा कि सरकार डिजिटल पहुंच के माध्यम से लोगों का सशक्तिकरण करने के लिए प्रतिबद्ध है.
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने बताया था कि साइबर स्पेस पर वैश्विक सम्मेलन (जीसीसीएस) में फ्रांस, रूस, जापान, इस्राइल व इंग्लैंड सहित 33 देशों के आईटी/साइबरस्पेस मंत्री भाग लेंगे. सम्मेलन में 700 विदेशी सहित कुल 2000 प्रतिनिधियों के भाग लेंगे.
उन्होंने कहा कि जीसीसीएस दुनिया में अपनी तरह का प्रमुख आयोजन है जिसका पहली बार भारत में आयोजन होना यही दर्शाता है कि दुनिया इस क्षेत्र में भी भारत की महत्ता को रेखांकित कर रही है. मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय रिश्तों व घटनाक्रम में ‘साइबर डिप्लोमेसी’ को लेकर भारत की बात सुनी जा रही है और इस आयोजन के जरिए भारत अपनी सोच को पूरी दुनिया में रखेगा. भारत इस सम्मेलन के जरिए दो प्रमुख संदेश देना चाहता है- ‘सुरक्षित साइबर-सुरक्षित दुनिया’ तथा ‘समावेशी साइबर-विकसित दुनिया’. भारत चाहता है कि यह आयोजन साइबर स्पेस पर सार्थक भागीदारी व संवाद का प्रमुख मंच बने.
उल्लेखनीय है कि साइबरस्पेस से मोटे तौर पर आशय कंप्यूटर नेटवर्कों के जरिए क्नेक्टिवटी से है. नेटवर्किंग की सारी आभासी दुनिया को साइबर स्पेस कहा जाता है और भारत इसे अधिक से अधिक सुरक्षित बनाए जाने पर जोर दे रहा है. दो दिन के सम्मेलन में मुकेश अंबानी व सुनील मित्तल से लेकर तारिक कमाल तक दिग्गज नीति निर्धारक, उद्योगपति, विशेषज्ञ व नवोन्मेषी भाग लेंगे.
News Source: khabar.ndtv.com
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