प्रधानमंत्री की सोच किसानों व मजदूरों के कल्याण पर केंद्रित- उपराष्ट्रपति धनखड़
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने राजस्थान के बीकानेर व बाड़मेर को आईसीएआर की दो सौगातें दी
नई दिल्ली, 28सितंबर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से राजस्थान में प्रदत्त 2 सौगातों की शुरूआत की। उन्होंने बीकानेर में आईसीएआर के मूंगफली अनुसंधान निदेशालय के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र और केंद्रीय शुष्क बागवानी संस्थान के प्रशिक्षु गृह का उद्घाटन किया, वहीं बाड़मेर के गुड़ामालानी में क्षेत्रीय श्री अन्न (मिलेट्स) अनुसंधान केंद्र की आधारशिला रखी। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर इसमें वर्चुअल रुप से शामिल हुए। कार्यक्रम में केंद्रीय कानून व न्याय तथा संसदीय कार्य एवं संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी सहित क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि, आईसीएआर के महानिदेशक डा. हिमांशु पाठक, वैज्ञानिक, किसान भी सम्मिलित हुए।
बीकानेर में अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि संसद में महिला आरक्षण विधेयक पेश करके केंद्र सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाया है। उन्होंने बीकानेर की नमकीन, भुजिया व रसगुल्ले की तारीफ करते हुए कहा कि बीकानेर की मूंगफली की ब्रांडिंग की जाएगी, इस क्षेत्र में व्यापार की बहुत संभावनाएं हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्री अन्न का महत्व दुनिया को बताते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित कराया। भारत की अध्यक्षता में जी-20 के आयोजन की सफलता की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने वह कर दिखाया, जिसकी कभी किसी ने कल्पना नहीं की थी। जी-20 जैसे वैश्विक कार्यक्रमों में श्री अन्न के व्यंजन परोसना हर गांव, गरीब, किसान के लिए सम्मान की बात है। हमारे किसानों की मेहनत की बदौलत देश न सिर्फ खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बना, बल्कि आज दुनिया को खाद्यान्न निर्यात भी कर रहा है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है, जो किसानों की कड़ी मेहनत से ही संभव हो पाया है। प्रधानमंत्री की सोच किसान-मजदूर कल्याण पर केंद्रित है, जिसके लिए केंद्र ने कई कदम उठाए हैं, पीएम किसान सम्मान निधि उनमें से एक है।
उपराष्ट्रपति ने देश में तकनीकी विकास की तारीफ करते हुए कहा कि आज हमारे किसान तकनीक से इतने जुड़े हुए है कि उन्हें सरकारी सहायता प्राप्त करने में किसी बिचौलिए की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत 5वीं आर्थिक महाशक्ति बन गया है। यह उपलब्धि किसानों व मजदूरों की मेहनत की बदौलत हासिल हुई है, जो देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। उन्होंने किसानों से आग्रह करते हुए कहा कि कृषि में अनुसंधान कीजिए, नए उपाय खोजिए, ऐसा नहीं होना चाहिए कि पैदावार कम हो तो भी नुकसान हो व यदि पैदावार बढ़ जाए तो भी किसान को ही नुकसान उठाना पड़े।
बाड़मेर में अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में हमारे किसानों का अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान है। किसान भाई-बहन देश का पेट भरते हैं। किसान पुत्र राष्ट्रवाद को हमेशा सर्वोपरि रखते हैं और देश के विकास में सर्वश्रेष्ठ योगदान करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा देश बदलाव का केंद्र बना है, हमें इस पर गर्व करना चाहिए।
केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने नई सौगातों के लिए किसानों व कृषि वैज्ञानिकों को बधाई देने के साथ ही उम्मीद जताई कि बाड़मेर का क्षेत्रीय श्री अन्न अनुसंधान केंद्र एक नई क्रांति का सूत्रपात करेगा। उन्होंने प्रसन्नता जताई कि किसानों व कृषि वैज्ञानिकों के कारण हमारा देश आज खाद्यान्न, बागवानी, दुग्ध उत्पादन में अग्रणी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय तथा आईसीएआर द्वारा किसानों एवं वैज्ञानिकों के हित में अनेक कदम उठाए गए हैं, जिनसे राजस्थान के किसान एवं वैज्ञानिक भी लाभान्वित हो रहे हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अद्वितीय प्रतिभा के धनी है, जिनकी दूरदर्शिता के कारण आज श्री अन्न का प्रचार-प्रसार पूरी दुनिया में हुआ है। प्रधानमंत्री ने छोटे किसानों की भलाई के उद्देश्य से जी-20 सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में श्री अन्न को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए, वहीं भारतीय संसद में भी श्री अन्न के व्यंजन सांसदों को परोसे गए। आज पूरे देश में श्री अन्न की धूम है। दुनिया में श्री अन्न के हम सबसे बड़े उत्पादक है। श्री अन्न का उपभोग मनुष्यों के लिए स्वास्थ्यप्रद है। केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि देश में श्री अन्न का उत्पादन और बढ़ाने के साथ ही प्रोसेसिंग आदि कार्य करने होंगे, जिससे विशेषकर छोटे किसानों का फायदा होगा।
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