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`प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव ने कोविड-19 की मौजूदा स्थिति और तैयारियों की समीक्षा करने के लिए उच्च स्तरीय बैठक की, की अध्यक्षता

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नई दिल्ली, 22अगस्त। विश्व स्तर पर सार्स-कोविड-2 वायरस के कुछ नए वेरिएंट पाए जाने की हालिया रिपोर्टों को ध्यान में रखते हुए माननीय प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव डॉ. पी. के. मिश्र ने एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इसमें कोविड​-19 की वैश्विक और राष्ट्रीय स्थिति, प्रचलन में मौजूद नए वेरिएंट और उनके जन स्वास्थ्य पर प्रभावों की समीक्षा की गई।

`बैठक में नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद पॉल, राजीव गौबा, कैबिनेट सचिव, अमित खरे, सलाहकार पीएमओ, सुधांश पंत, सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, राजीव बहल, सचिव डीएचआर और डीजी आईसीएमआर, राजेश एस. गोखले, सचिव, जैव प्रौद्योगिकी और पुण्य सलिला श्रीवास्तव, प्रधानमंत्री के अपर सचिव ने हिस्सा लिया।

स्वास्थ्य सचिव द्वारा कोविड​​-19 की वैश्विक स्थिति को लेकर व्यापक जानकारी दी गई। इसमें सार्स-कोविड-2 वायरस के कुछ नए वेरिएंट के बारे में बताया गया, जैसे कि बीए.2.86 (पिरोला) और ईजी.5 (एरिस) आदि, जिनके मामले विश्व स्तर पर सामने आ चुके हैं। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, जहां ईजी.5 (एरिस) 50 से अधिक देशों में रिपोर्ट किया गया है, वहीं वैरिएंट बीए.2.86 (पिरोला) चार देशों में पाया गया है।`

इस बात पर प्रकाश डाला गया कि बीते सात दिनों में विश्व स्तर पर कोविड-19 के कुल 2,96,219 नए मामले सामने आए। वैश्विक आबादी में लगभग 17 प्रतिशत जगह रखने वाले भारत में पिछले हफ्ते में केवल 223 मामले (वैश्विक नए मामलों का 0.075 प्रतिशत) दर्ज किए हैं। उन्होंने कहा कि पूरे देश में कोविड​​-19 के नए मामलों का दैनिक औसत 50 से नीचे है और देश साप्ताहिक परीक्षण पॉजिटिविटी दर को 0.2 प्रतिशत से नीचे रखने में कामयाब रहा है। भारत में मिल रहे विभिन्न वेरिएंट की जीनोम सीक्वेंसिंग के बारे में भी बताया गया।

विस्तृत विचार-विमर्श के बाद डॉ. पी. के. मिश्र ने कहा कि देश में कोविड-19 की स्थिति स्थिर बनी हुई है और देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियां पूरी तरह तैयार हैं। फिर भी ज़रूरत है कि आईएलआई/एसएआरआई के मामलों के रुझानों पर राज्य नजर रखें और पर्याप्त नमूने भेजें ताकि पूरी जीनोम सीक्वेंसिंग में तेजी लाते हुए कोविड-19 के परीक्षण किए जा सकें और नए वैश्विक वेरिएंट पर कड़ी नजर बनाए रखी जा सके।

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