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आधुनिक युग में प्रोजेक्टर शिक्षा से बच्चों ने प्राप्त किया नया दृष्टिकोण : प्रधानाचार्य

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बादशाहपुर, 20 दिसम्बर (अजय) : आधुनिक युग में शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़े बदलाव देखने को मिल रहे है, ऐसे में स्कूलों में बच्चों के लिए कक्षाए प्रोजेक्टर पर दी जा रही है, इस तरह की प्रणाली बच्चों में शिक्षा के लिए कई तरह के परिवर्तन भी देखने को मिल रहे है, जिसे बच्चे एक खेल की तरह पढाई को गम्भीर ले रहे है। प्रोजेक्टर पर क्लास देने वाले स्कूल की प्रधानाचार्य शशि यादव ने बताया कि इस नई तकनीकी प्रणाली के कई बड़े परिवर्तन बताये, जिससे उनके स्कूल के बच्चो में बड़े परिवर्तन देखने को मिले है।

 उन्होने कहा कि प्रोजेक्टर की तकनीकी सर्वशक्तिमता से बच्चों की जुड़ी नई राह देखने को मिल रही है। शिक्षा के इस नए आयाम में प्रोजेक्टर का उपयोग बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण शिक्षात्मक उपकरण बन गया है जिससे बच्चों में ज्ञान और समझ में बड़े परिवर्तन आ रहे हैं। प्रोजेक्टर तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है। यह उपकरण शिक्षा के क्षेत्र में इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ नई तकनीकों का भी परिचय हो सके।

 प्रोजेक्टर के माध्यम से विद्यार्थियों को विद्यालयों में विभिन्न विषयों पर जानकारी दी जा रही है। इसके माध्यम विद्यार्थियों को समझाया जा रहा है कि वे कैसे नए-नए विषयों को सीख सकते हैं और उन्हें कैसे अपने जीवन में उपयोग कर सकते हैं। इसके साथ ही प्रोजेक्टर का उपयोग शिक्षार्थियों को कक्षा में वीडियो, छायाचित्र, चार्ट्स और ग्राफिक्स के माध्यम से सीखाई जा रही है। इस तरह शिक्षार्थियों को बेहतर समझाया जा रहा है और बच्चों की दृष्टि और समझ में भी वृद्धि हो रही है। प्रोजेक्टर के माध्यम से शिक्षार्थियों को विद्या के संदर्भ में नई दृष्टिकोण प्राप्त करने का भी मौका मिल रहा है।

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