हर वर्ष की भाँती इस वर्ष भी हरियाणा के झज्जर जिला पटौदा में राजा राव तुलाराम की पुण्यतिथि 23 सितम्बर को शहीदी दिवस समारोह के रूप में धूमधाम से मनाने की तैयारियां शुरू हो चुकी है। उक्त विषय में जानकारी देते हुए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के सदस्य प्रो.हंसराज यादव ने कहा कि राजा राव तुलाराव रेवाड़ी रियासत के क्षत्रिय यदुवँशी अहीर शासक अमर शहीद, रणधुरंधर महाराजा राव तुलासिंह बहादुर वह शख्सयित थे, जिन्होंने आजादी के पहले स्वाधीनता संग्राम मे सबसे अहम योगदान दिया था। बता दें कि यह दिन 1857 में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के महानायक अमर शहीद राव तुलाराम की शहादत पर मनाया जाता है राव तुलाराम का जन्म रेवाड़ी के रामपुरा में 9 दिसंबर 1825 को हुआ था। उस वक्त उनके पिता राव पूर्ण सिंह का रेवाड़ी (अहीरवाल) में राज था। राव तुला राम जब 14 साल के थे तब उनके पिता का देहांत हो गया था। उसके बाद 14 साल की उम्र में ही उन्होंने राज गद्दी संभाल ली। लेकिन पिता की मौत के बाद अंग्रेज़ों ने उनकी रियासत पर धीरे-धीरे कब्जा कर दिया। इसके बाद राव तुलाराम ने अपनी सेना तैयार की। 1857 के विद्रोह की आग जब मेरठ तक पहुंची तो वो भी इस क्रांती में कूद पड़े। राव तुलाराम और उनके भाई के नेतृत्व में रेवाड़ी की सेना ने अंग्रेज़ी हुक़ूमत की नाक में दम कर दिया और रेवाड़ी व उसके आस-पास के कई इलाकों पर कब्ज़ा कर लिया। 23 सितंबर 1863 को उन्होंने काबुल में अंतिम सांस ली। राव तुला राम ने भारत को आज़ाद कराने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
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