नई दिल्ली । भारत का बजटीय राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2018-19 के अप्रैल-मई महीने में 3.45 लाख करोड़ रुपये रहा, जोकि पूरे वित्त वर्ष के लक्ष्य 6.24 लाख करोड़ रुपये का 55.3 फीसदी है।
यह जानकारी शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों से मिली। लेखा महानियंत्रक (सीजीए) के आंकड़े बताते हैं कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान राजकोषीय घाटा 68.3 फीसदी था।
राजकोषीय घाटासीजीए के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन अवधि में शुद्ध कर राजस्व 10.2 लाख करोड़ रुपये यानी अनुमानित लक्ष्य का 6.9 फीसदी था। वित्त वर्ष के शुरुआती दो महीनों में कुल राजस्व प्राप्ति और गैर-कर्ज पूंजी 1.27 लाख करोड़ रुपये दर्ज किए गए, जोकि चालू वित्त वर्ष के लिए अनुमानित लक्ष्य का सात फीसदी है।
आंकड़ों से जाहिर है कि राजस्व और पूंजी मद में कुल व्यय अप्रैल-मई में 4.72 लाख करोड़ रुपये था, जोकि पूरे वित्त वर्ष के अनुमान का 19.4 फीसदी है। इस साल राजस्व प्राप्ति और व्यय का अंतर यानी राजकोषीय घाटा 2018-19 में 6.24 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 5.94 लाख करोड़ रुपये था।
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