गुरुग्राम (अजय) : पीएम मोदी ने आतंकियों और आतंक के सरपरस्तों को डंके की चोट पर कह दिया है कि अब उनके सामने सुधरने के अलावा कोई चारा नहीं । और अगर वो फिर भी नहीं सुधरेंगे तो क्या होगा ये भी उन्हें बता दिया गया है। पूरी दुनिया ने कह दिया है कि हिंदुस्तान ने जो किया वो सही किया लेकिन हमारे देश का दुर्भाग्य है कि यहांं कुछ ऐसे लोग है जिन्हें ऐसा नहीं लगता। हमारी सेना के पराक्रम पर भारत माता की हर औलाद को गर्व है । सभी को गर्व है पर कुछ लोगों को नहीं है। जिस पार्टी ने सबसे ज्यादा सालों तक हमारे देश पर शासन किया, जिस पार्टी ने देश की सेना के हाथ को बांधे रखा उसी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पूर्व गुरू ने पुलवामा आतंकी हमले को एक दुर्घटना बताया है।
मलिक ने कहा कि इन महाशय ने पुलवामा में हुए आतंकी हमले को दुर्घटना करार दिया है, यानि एक्सीडेंट। यानि एक हादसा, जो बस हो गया। यही इनकी मानसिकता है। आतंकियों को बचाने के लिए, उनका पक्ष लेने के लिए अब ये उनके द्वारा किए गए हमले को, सिर्फ एक हादसा बता रहे हैं। आतंकियों को बचाने के लिए, उनका पक्ष लेने के लिए अब वो उनके द्वारा किये गए हमले को एक हादसा कह रहे है। नामदार परिवार के ये वही खास सिपहसालार हैं, जिन्हें आतंक को बढ़ावा देने वाले शांति दूत नजर आते हैं। ये वही महोदय हैं, जिनको दुनिया का सबसे बड़ा आतंकी ओसामा भी शांतिदूत लगता था। यही वो महाशय हैं जिन्होंने मुंबई के दर्दनाक आतंकी हमले में भी पाकिस्तान को क्लीन चिट दे दी थी और जांच की दिशा को ही भटकाने का प्रयास किया था।
मलिक ने कहा कि एयर स्ट्राइक पाकिस्तान में हुई लेकिन सदमा भारत में बैठे कुछ लोगों को लगा है। भारत भर में महा-मिलावट करने वाले लोग अब अंतर्राष्ट्रीय महा-मिलावट करने में लगे हैं। सिर्फ अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए पाकिस्तान के साथ मिलकर महा-मिलावट कर रहे हैं। यहां ये लोग मोदी को गाली देते हैं, और वहां पाकिस्तान में इनके लिए तालियां बजती हैं। वहां के अखबारों की हेडलाइंस इनके बयानों से भरी पड़ी हैं, वहां के टीवी चैनलों पर इनके ही चेहरे दिखाई पड़ते हैं। जब एयर-स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की बोलती बंद हो गई, पूरे विश्व में अलग थलग पड़ गया तो उसकी इज्जत बचाने के लिए यही महा-मिलावटी लोग सामने आए। कोई सबूत मांगने लगा, तो कोई आतंकियों की लाशों की संख्या पूछने लगा और तो और ये लोग पाकिस्तान को ही शांति का दूत बताने लगे। आपने देखा होगा कि यह अंतर्राष्ट्रीय महा-मिलावट एक सुर में राग अलाप रही है।
मलिक ने कहा कि मत भूलिए, दिल्ली के बाटला हाउस में जब आतंकियों का एनकाउंटर हुआ था तो ऐसे ही एक और राजदरबारी ने दुनिया को बताया था कि आतंकी की मौत पर तब रिमोट कंट्रोल से सरकार चलाने वालों के आंसू नहीं थम रहे थे। क्या ऐसी कांग्रेस से हम उम्मीद कर सकते हैं कि वो आतंक के सरपरस्तों को खत्म करेगी ? नहीं। आतंकवाद के खिलाफ नरमी के इसी कांग्रेसी रवैये की वजह से पहले आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब नहीं मिल पाया।
मलिक ने कहा कि एयर स्ट्राइक पाकिस्तान में हुई लेकिन सदमा भारत में बैठे कुछ लोगों को लगा है। भारत भर में महा-मिलावट करने वाले लोग अब अंतर्राष्ट्रीय महा-मिलावट करने में लगे हैं। सिर्फ अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए पाकिस्तान के साथ मिलकर महा-मिलावट कर रहे हैं। यहां ये लोग मोदी को गाली देते हैं, और वहां पाकिस्तान में इनके लिए तालियां बजती हैं। वहां के अखबारों की हेडलाइंस इनके बयानों से भरी पड़ी हैं, वहां के टीवी चैनलों पर इनके ही चेहरे दिखाई पड़ते हैं। जब एयर-स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की बोलती बंद हो गई, पूरे विश्व में अलग थलग पड़ गया तो उसकी इज्जत बचाने के लिए यही महा-मिलावटी लोग सामने आए। कोई सबूत मांगने लगा, तो कोई आतंकियों की लाशों की संख्या पूछने लगा और तो और ये लोग पाकिस्तान को ही शांति का दूत बताने लगे। आपने देखा होगा कि यह अंतर्राष्ट्रीय महा-मिलावट एक सुर में राग अलाप रही है।
मलिक ने कहा की कुछ ऐसे लोग दिल्ली में भी बैठे हैं जो कल तक भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ अपने आपको सबसे बड़ा योद्धा मानते थे । कहते थे न कि उनके पास 370 पेज से ऊपर की कथित सूची थी, जो तत्कालीन दिल्ली की मुख्यमंत्री को और नेहरू गांधी परिवार को कटघरे में खड़े करने के लिए काफ़ी थी। लेकिन आज वही योद्धा चिल्ला चिल्ला के यह बोल रहे हैं की कांग्रेस और भाजपा का परदे के पीछे कोई समझौता हुआ है जिसके कारण वर्ष कांग्रेस उनके साथ चुनावी गठबंधन नहीं करेगी । बता दें कि दिल्ली विधानसभा में इन्हीं महापुरुष ने पाकिस्तान में हुए सर्जिकल स्ट्राइक पे भाषण दिया था, और उस भाषण में पाकिस्तानियों से ज़्यादा दर्द इन्हें होता हुआ दिख रहा था। जिसको पाकिस्तान के मीडिया और सियासी लोगों ने बहुत चलाया।
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