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स्वयं को ‘भगवान’ प्रोजेक्ट करने की तैयारी में था राम रहीम

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PBK NEWS | सिरसा : गुरमीत राम रहीम ने स्वयं को भगवान के रूप में महिमा मंडित करने के लिए करोड़ों रुपये के प्रोजेक्ट सोच रखे थे। इनके जरिये वह खुद भगवान के रूप में प्रोजेक्ट करता और मोटा मुनाफा भी कमाता। कोर्ट के फैसले के बाद ये सभी प्रोजेक्ट अटक गए हैं।

अध्यात्म गुरु से रूपहले पर्दे पर आए राम रहीम को फिल्मों का ऐसा शौक लगा कि एक के बाद एक कई फिल्में उसने बनाईं। अब वह फिल्मी दुनिया में अपने सबसे बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रहा था। इस फिल्म पर काम शुरू हो चुका था और  ‘द बर्थ’ इसका शीर्षक था।

इसके बारे में राम रहीम का दावा था कि वह इसमें मानव की उत्पत्ति का रहस्य खोलेगा। धरती से लेकर अंतरिक्ष तक का रहस्य उजागर होगा। इस फिल्म के लिए बड़े तकनीकी विशेषज्ञों की भी मदद ली जा रही थी। दावा यह भी किया जा रहा था कि तकनीक व इफेक्ट्स में यह हॉलीवुड फिल्मों का मुकाबला करेगी। डेरे से जुड़े सूत्र बताते हैं इसमें डेरा प्रमुख स्वयं को सर्वशक्तिमान के रूप में स्थापित करने का प्रयास करते। उसका ड्रीम प्रोजेक्ट ड्रीम बनकर ही रह गया।

बायोपिक भी अटकी

डेरा प्रमुख ने अपने को भगवान साबित करने के लिए अपने बचपन से लेकर आज तक के जीवन पर अलग-अलग बायोपिक लाने वाला था। बचपन पर आधारित बायोपिक का कार्य लगभग पूरा भी हो चुका है। राम रहीम इसकी पूरी कहानी पर काम कर चुका था और इसमें बचपन से लेकर 50 साल के जीवनकाल पर केंद्रित किया जाना था। इसका कार्य कई महीनों से चल रहा था और बचपन की कहानी फिल्माई जा चुकी है।

बपचन पर भी एनीमेशन फिल्म

डेराप्रमुख के बचपन की एनिमेशन फिल्म तैयार हो चुकी है। 30 मिनट की इस फिल्म को अंतिम रूप दिया जा चुका था और 10 हजार पैन ड्राइव के माध्यम से इसकी बिक्री की जानी थी। इसमें बाबा के गांव के बचपन व स्कूली समय को दर्शाया गया है। इस एनिमेशन फिल्म के पहले भाग को मार्केट में उतारने के लिए सभी तैयारियां पूर्ण थी।

खेलगांव पर भी संकट

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख की ओर से एमएसजी खेल गांव बनाए जाने की शुरुआत हो चुकी है। दावा है कि यहां कोचिंग राम रहीम स्वयं देता था। खेल गांव पर भी संकट मंडराया है और अब इसकी जिम्मेदारी उसके पुत्र जसमीत के कंधों पर आ गई हैं।

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