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रामलीला हिंदी साहित्य और संस्कृति का महत्वपूर्ण अंग : पंडित ब्रह्मदत वशिष्ठ

33वें रामलीला समापन कार्यक्रम में कलाकारों को किया गया सम्मानित

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 बादशाहपुर, 19 नवम्बर (अजय) : बादशाहपुर में पिछले 33वर्षो से आयोजित होती आ रही शिव शंकर रामलीला कमेटी की 33वीं रामलीला का समापन कार्यक्रम बादशाहपुर के चिनार गार्डन में आयोजित किया गया, जहां सभी कलाकारों के लिए रात्री भोज की व्यवस्था सुमित जैलदार द्वारा आयोजित की गई थी। समापन कार्यक्रम में कमेटी के संरक्षक पंडित ब्रह्मदत वशिष्ठ ने रामलीला आयोजन पर सभी कलाकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि रामलीला हिंदी साहित्य और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग है। जो श्रीराम की जीवनी के प्रमुख घटनाक्रमों को पुनः निभाता है। जिसके लिए इस वर्ष भी शिव शंकर रामलीला कमेटी के सभी करीब 70 कलाकार अहम योगदान देते हुए अपने-अपने पात्र के माध्यम दर्शकों को मन मोहने में कामयाब रहे और भगवान श्रीराम के चरित्र को बड़े ही सुंदर और सम्मान के साथ लोगों के बीच प्रस्तुत करने में कामयाब रहे। प्रधान जागेश त्यागी ने कहा कि रामलीला का आयोजन हमें अच्छाई और बुराई के प्रतिष्ठित युद्ध की याद दिलाता है। लली पंडित ने कहा कि रामलीला में दर्शाया जाता है कि अच्छाई की हमेशा विजय होती है। यह हमें धर्मयुद्ध, प्रेम, भय, हास्य और विजय की बुनियादी भावनाओं का विस्तृत मनोरंजन प्रदान करता है। रामलीला के पदाधिकारी फत्ते मास्टर, अखिल सैन उर्फ़ भगतजी, सोनू भारद्वाज ने कहा कि रामलीला कमेटी के सभी सदस्यों ने बहुत ही सुंदर कार्य किया जिसके लिए वह बधाई के पात्र है। सभी कलाकारों को कमेटी पदाधिकारियों द्वारा स्मृति चिन्ह व उपहार देकर उनका होसला अफजाई किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

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