PBK NEWS | नई दिल्ली। देश के नए राष्ट्रपति के रुप में रामनाथ कोविंद के शाही शपथ की तैयारियां तेज हो गई है। संसद के केंद्रीय कक्ष में एक भव्य समारोह के दौरान 25 जुलाई को कोविंद को शपथ दिलाई जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जेएस खेहर कोविंद को राष्ट्रपति के रुप में संविधान की रक्षा की शपथ दिलाएंगे। कोविंद निर्वतमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ राष्ट्रपति की शाही बग्घी में शपथ के लिए संसद भवन पहुंचेगे। वहीं 23 जुलाई को मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को संसद विदाई देगी।
नए राष्ट्रपति की शपथ की तैयारियों और इसमें शामिल होने वाले मेहमानों को न्यौता भेजा जा रहा है। शपथ ग्रहण समारोह के प्रस्तावित कार्यक्रम के मुताबिक निर्वतमान और मौजूदा राष्ट्रपति एक साथ ही राष्ट्रपति भवन से संसद भवन पहुंचेंगे। केंद्रीय कक्ष में मंच पर मुखर्जी और कोविंद के साथ उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के लिए कुर्सी रहेगी। साथ ही मंच पर चीफ जस्टिस खेहर भी बैठेंगे। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम मंत्री, सांसद, नेता और विशिष्ट मेहमान मंच से नीचे बैठेंगे।
राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद कोविंद केंद्रीय कक्ष में सर्वोच्च संवैधानिक प्रमुख के नाते अपना पहला संक्षिप्त संबोधन देंगे। शपथ समारोह के बाद कोविंद रायसिना हिल्स स्थित राष्ट्रपति भवन के अपने नए आशियाने में चले जाएंगे जहां वे अगल पांच साल रहेंगे। राष्ट्रपति के विशेष सुरक्षा गार्ड, अश्वारोही दस्ते की घेरेबंदी में शपथ के बाद देश के 14वें राष्ट्रपति के रुप में कोविंद राष्ट्रपति भवन की गौरवशाली इमारत में प्रवेश करेंगे।
वैसे कोविंद के राष्ट्रपति निर्वाचित होते ही राष्ट्राध्यक्ष का रूतबा मिल गया। एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार बनते ही उन्हें एनएसजी की विशेष सुरक्षा प्रदान कर दी गई थी। तो गुरूवार को कोविंद के राष्ट्रपति निर्वाचित होते ही सुरक्षा एजेंसियों ने उन्हें राष्ट्रपति सुरक्षा कवच के दायरे में ले लिया।
गृह मंत्रालय जहां नए राष्ट्रपति के शपथ की तैयारियों में जुटा है। वहीं राष्ट्रपति के रूप में प्रणब मुखर्जी के शानदार कार्यकाल पर संसद की ओर से उनका अभिनंदन करने की तैयारी की जा रही है। प्रणव के योगदान की सराहना करते हुए सांसदों की ओर से स्पीकर सुमित्रा महाजन यह अभिनंदन पत्र पहले पढे़ेंगी उसके बाद इसे दादा को भेंट किया जाएगा। संसद के इस समारोह के दौरान दादा भी राष्ट्रपति के तौर पर अपना आखिरी विदाई संबोधन देंगे।
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