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रंगारंग कार्यक्रम और आतिशबाजियों के बीच समापन

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जकार्ता : 18 अगस्त से 2 सितंबर तक खेले गए 18वें एशियन गेम्स का समापन रंगारंग और आतिशबाजियों के बीच संपन्न हुआ । यह पहला मौका है, जब एशियाई खेलों का आयोजन दो शहरों में किया गया। जकार्ता और पालेमबंग इंडोनेशिया के दो शहर हैं, जहां इन खेलों का आयोजन किया गया।

इन खेलों में 45 देशों से करीब 10,000 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। यह दूसरा मौका था जब एशियाई खेलों की मेजबानी इंडोनेशिया ने की। भारत ने इन गेम्स में कुल 69 मैडल हासिल करने के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। भारत ने 15 गोल्ड 24 सिल्वर और 30 ब्रॉन्ज मैडल हासिल किए। इससे पहले भारत ने 1951 में हुईं एशियन गेम्स में 15 गोल्ड जीते थे। समापन समारोह में भारतीय दल की अगवाई महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल ने की।
भारी बारिश के बीच हुए समापन समारोह में भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल ने 18वें तिरंगा लेकर भारतीय दल का नेतृत्व किया । बॉलीवुड के गानों से इस समारोह में जकार्ता थिरक उठा। भारतीय महिला हॉकी टीम ने इन खेलों में 20 साल के अंतराल के बाद रजत पदक हासिल किया और भारतीय ओलंपिक संघ(आईओए) ने इस टीम की कप्तान रानी को समापन समारोह में तिरंगा लेकर भारतीय दल का नेतृत्व करने का गौरव प्रदान किया।

समापन समारोह में आसमान से भी कुछ बूंदें बरसीं। शेख अहमद ने इस भव्य आयोजन के लिए सभी का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, इस खूबसूरत सफर के अंत पर आज बादल भी आंसू बहा रहे हैं क्योंकि उन्हें भी का दुख है। शेख अहमद ने खासतौर पर उन 13 हजार वॉलंटियर्स को विशेष रूप से शुक्रिया कहा जिन्होंने इन खेलों को सफल बनाने के लिए दिन-रात एक कर दिया।

उन्होंने इन खेलों की सर्वश्रेष्ठ एथलीट चुनी गयीं जापान की युवा तैराक रिकाको इकी को भी बधाई दी जिन्होंने छह स्वर्ण और दो रजत सहित कुल आठ पदक जीते।
इंडोनेशिया की सेनाओं ने अपने बैंड के साथ परफार्म किया। स्टेडियम में हर तरफ फ्लैश लाइट को देखकर ऐसा लग रहा था मानो आसमान के तारे जमीन पर उतर आए हों।
शेख अहमद ने एशिया के सभी खिलाडियों से चार साल बाद चीन के हांगझाओ में मिलने का आह्वान करते हुए एशियाई ओलंपिक परिषद का ध्वज हांगझाओ के मेयर जू ली यी को सौंप दिया। समापन समारोह का सबसे भावुक पल तो उस समय आया जब 15 दिनों से जल रही एशियाई खेलों की ज्योति को बुझा दिया गया। इसे अब अगले एशियाई खेलों के समय प्रज्ज्वलित किया जायेगा।
समापन समारोह में खिलाडिय़ों के मार्च पास्ट में भारतीय दल की अगुवाई रजत विजेता हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल ने की। इन खेलों के उद्घाटन समारोह में भारतीय दल की अगुवाई भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने की थी जिन्होंने इन खेलों में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता।

श की गयी थी वहीं समापन समारोह में आधुनिक संगीत ने चार चांद लगा दिए। समापन समारोह में बॉलीवुड भी पीछे नहीं रहा और बॉलीवुड के गाने पेश किए गए जिसपर भारतीय खिलाड़ी झूम उठे। भारत ने इन खेलों में 15 स्वर्ण सहित कुल 69 पदक जीतकर एशियाई खेलों के इतिहास का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
सिने अभिनेता शाहरुख खान के‘कोई मिल गया’और ‘तुम पास आए’ जैसे गानों को सिद्धार्थ ने गाकर समा ही बांध दिया और जब ए आर रहमान का‘जय हो’का गाना गूंजा तो पूरा स्टेडियम भारतमय हो उठा। गायक जीजी, बैंस और सैम सिंमाजतुक ने अपने परफार्मेंस से संदेश दिया कि एकसाथ रहकर हम बहुत आगे जा सकते हैं। समारोह के बाद आसमान भव्य आतिशबाजी से जगमगा उठा और सभी एथलीटों ने बेहद भावुक माहौल में एक दूसरे को अलविदा कहा।

एशियाई खेलों का सफर अब 19वें खेलों के लिए चार साल बाद 2022 में चीन पहुंचेगा।जकार्ता (ईएमएस) । 18 अगस्त से 2 सितंबर तक खेले गए 18वें एशियन गेम्स का समापन रंगारंग और आतिशबाजियों के बीच संपन्न हुआ । यह पहला मौका है, जब एशियाई खेलों का आयोजन दो शहरों में किया गया। जकार्ता और पालेमबंग इंडोनेशिया के दो शहर हैं, जहां इन खेलों का आयोजन किया गया।

इन खेलों में 45 देशों से करीब 10,000 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। यह दूसरा मौका था जब एशियाई खेलों की मेजबानी इंडोनेशिया ने की। भारत ने इन गेम्स में कुल 69 मैडल हासिल करने के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। भारत ने 15 गोल्ड 24 सिल्वर और 30 ब्रॉन्ज मैडल हासिल किए। इससे पहले भारत ने 1951 में हुईं एशियन गेम्स में 15 गोल्ड जीते थे। समापन समारोह में भारतीय दल की अगवाई महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल ने की।
भारी बारिश के बीच हुए समापन समारोह में भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल ने 18वें तिरंगा लेकर भारतीय दल का नेतृत्व किया । बॉलीवुड के गानों से इस समारोह में जकार्ता थिरक उठा। भारतीय महिला हॉकी टीम ने इन खेलों में 20 साल के अंतराल के बाद रजत पदक हासिल किया और भारतीय ओलंपिक संघ(आईओए) ने इस टीम की कप्तान रानी को समापन समारोह में तिरंगा लेकर भारतीय दल का नेतृत्व करने का गौरव प्रदान किया।
समापन समारोह में आसमान से भी कुछ बूंदें बरसीं। शेख अहमद ने इस भव्य आयोजन के लिए सभी का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, इस खूबसूरत सफर के अंत पर आज बादल भी आंसू बहा रहे हैं क्योंकि उन्हें भी का दुख है। शेख अहमद ने खासतौर पर उन 13 हजार वॉलंटियर्स को विशेष रूप से शुक्रिया कहा जिन्होंने इन खेलों को सफल बनाने के लिए दिन-रात एक कर दिया।

उन्होंने इन खेलों की सर्वश्रेष्ठ एथलीट चुनी गयीं जापान की युवा तैराक रिकाको इकी को भी बधाई दी जिन्होंने छह स्वर्ण और दो रजत सहित कुल आठ पदक जीते।
इंडोनेशिया की सेनाओं ने अपने बैंड के साथ परफार्म किया। स्टेडियम में हर तरफ फ्लैश लाइट को देखकर ऐसा लग रहा था मानो आसमान के तारे जमीन पर उतर आए हों।
शेख अहमद ने एशिया के सभी खिलाडियों से चार साल बाद चीन के हांगझाओ में मिलने का आह्वान करते हुए एशियाई ओलंपिक परिषद का ध्वज हांगझाओ के मेयर जू ली यी को सौंप दिया। समापन समारोह का सबसे भावुक पल तो उस समय आया जब 15 दिनों से जल रही एशियाई खेलों की ज्योति को बुझा दिया गया। इसे अब अगले एशियाई खेलों के समय प्रज्ज्वलित किया जायेगा।
समापन समारोह में खिलाडिय़ों के मार्च पास्ट में भारतीय दल की अगुवाई रजत विजेता हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल ने की। इन खेलों के उद्घाटन समारोह में भारतीय दल की अगुवाई भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने की थी जिन्होंने इन खेलों में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता।
उद्घाटन समारोह में जहां इंडोनेशिया की सांस्कृतिक विरासत की झलक पेश की गयी थी वहीं समापन समारोह में आधुनिक संगीत ने चार चांद लगा दिए। समापन समारोह में बॉलीवुड भी पीछे नहीं रहा और बॉलीवुड के गाने पेश किए गए जिसपर भारतीय खिलाड़ी झूम उठे। भारत ने इन खेलों में 15 स्वर्ण सहित कुल 69 पदक जीतकर एशियाई खेलों के इतिहास का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
सिने अभिनेता शाहरुख खान के‘कोई मिल गया’और ‘तुम पास आए’ जैसे गानों को सिद्धार्थ ने गाकर समा ही बांध दिया और जब ए आर रहमान का‘जय हो’का गाना गूंजा तो पूरा स्टेडियम भारतमय हो उठा। गायक जीजी, बैंस और सैम सिंमाजतुक ने अपने परफार्मेंस से संदेश दिया कि एकसाथ रहकर हम बहुत आगे जा सकते हैं।

समारोह के बाद आसमान भव्य आतिशबाजी से जगमगा उठा और सभी एथलीटों ने बेहद भावुक माहौल में एक दूसरे को अलविदा कहा। एशियाई खेलों का सफर अब 19वें खेलों के लिए चार साल बाद 2022 में चीन पहुंचेगा।

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