नई दिल्ली । दुनिया का सबसे बड़े पुलिस संगठन इंटरपोल ने पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया है। इंटरपोल सिर्फ रेड कार्नर नोटिस ही जारी नहीं करता। इंटरपोल की तरफ से कुल 8 तरह के नोटिस जारी किए जाते हैं। सभी के रंग अलग-अलग होते हैं। हर रंग के नोटिस का अलग-अलग मतलब होता है। रेड कार्नर नोटिस आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए जारी किया जाता है।
लेकिन यह बात भी जानने की है कि सिर्फ रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने से संबंधित व्यक्ति दोषी नहीं हो जाता। उसे अदालत से भी दोषी ठहराया जाना जरूरी है। सुरक्षा का खतरा होने पर ऑरेंज नोटिस जारी किया जाता है। यह नोटिस किसी कार्यक्रम, व्यक्ति, वस्तु को लेकर जारी किया जा सकता है। आपराधिक जांच के घेरे में किसी शख्स की लोकेशन का पता लगाने, पहचान करने या उसके बारे में सूचना इकट्ठा करने के लिए यह नोटिस जारी किया जाता है।
अज्ञात शवों की पहचान और जानकारी के लिए ब्लैक नोटिस जारी किया जाता है। यह नोटिस उस व्यक्ति की आपराधिक गतिविधियों को लेकर जारी किया जाता है, जो पब्लिक सुरक्षा के लिए संभावित खतरा हो। इसके अलावा ऐसे व्यक्ति जिन्होंने पहले कभी अपराध किया है और जिन पर शक होता है कि वे उस अपराध को दोहरा सकते हैं, उनको लेकर भी यह नोटिस जारी किया जाता है। गुमशुदा लोगों की तलाश के लिए भी यह नोटिस जारी किया जाता है। ऐसे लोग जो खुद की पहचान नहीं बता पाते हैं, उनके लिए भी यह नोटिस जारी किया जाता है।
अपराधियों द्वारा अपराध करने के तरीके, वस्तुओं, उपकरणों और उसे छिपाने के तरीकों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने या पाने के लिए पर्पल नोटिस जारी किया जाता है। इस नोटिस का रंग हल्का नीला होता है। इसकी शुरुआत सन 2005 में हुई थी और इसे ऐसी किसी संस्था, व्यक्ति या समूह के खिलाफ जारी किया जा सकता है, जिस पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने प्रतिबंध लगाए हों।
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