PBK NEWS | चंडीगढ़। मार्च 2014 में हरियाणा के हिसार जिले के गांव भगाना में चार नाबालिग लड़कियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद उस जाति के अन्य परिवारों द्वारा गांव छोड़ने के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पीड़ितों व परिवारों के पुनर्वास के आदेश दिए हैं। जस्टिस राजन गुप्ता ने हरियाणा सरकार को आदेश देते हुए कहा कि 22 अगस्त को मामले की अगली सुनवाई पर संयुक्त सचिव स्तर का अधिकारी हाई कोर्ट में पेश हो इसकी जानकारी दे।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान अंबेडकर वेलफेयर समिति के वकील आरएस बैंस ने हाई कोर्ट को बताया कि वर्ष 2014 में हुई इस घटना के बाद आज भी कई परिवार गांव नहीं लौटे हैं। यह सीधे तौर पर संविधान के अनुच्छेद-21 का उल्लंघन है और सरकार इस मामले में कुछ भी नहीं कर रही है। इस पर हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को उक्त आदेश दिए हैं ।
इससे पहले हरियाणा सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट देते हुए बताया था कि 25 परिवारों को छोड़ अन्य सभी परिवार वापस गांव आ गए हैं। वहीँ दबंगों द्वारा गांव के दलितों को उनके क्षेत्र में आने से रोकने के लिए जो दीवार खड़ी की गई थी, उस दीवार को भी गिरा दिया गया है।
हरियाणा सरकार की ओर से गांव में रह रहे इन परिवारों के घरों के बिजली के बिल भी दिखाए गए। हरियाणा सरकार ने बताया था कि इन बिलों से स्पष्ट हो जाता है कि पीडि़त परिवार वहां रह रहे हैं। साथ ही दुष्कर्म पीडि़तों को सरकार की नीति के तहत मुआवजा भी जारी कर दिया गया है।
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