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रिलायंस जियोफोन का तीन साल का लॉक इन पीरियड बन सकता है बड़ा चैलेंज: जेपी मॉर्गन

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PBK NEWS | नई दिल्ली । जेपी मॉर्गन की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा हो सकता है की मुकेश अम्बानी की कंपनी रिलायंस जियो का जियोफोन उपभोक्तओं की उम्मीद पर खरा न उतरे या फीचर फोन यूजर्स को जियो का फीचर फोन लेने के लिए तैयार कर सके। ऐसा इसलिए क्योंकि जियोफोन के साथ 3 साल का लॉक-इन पीरियड दिया गया है। इसका मतलब यूजर्स को 1500 रुपये डिपॉजिट राशि तीन साल बाद ही मिलेगी, जिसके लिए यूजर्स को जियोफोन का तीन साल तक इस्तेमाल करना होगा।

लॉक-इन पीरियड बन सकता है चैलेंज:

न्यूयॉर्क में आधारित ब्रोकरेज के अनुसार- जियोफोन के कुछ चैलेंज व्यवहार्यता से सम्बंधित हैं, तो कुछ के अनुसार इसके किफायती दाम होने के कारण यह लोगों का व्यव्हार बदलने में संभव हैं। रिलायंस जियो, जो सितम्बर 2016 में 4G टेक्नोलॉजी पर आधारित सेवाएं लेकर आया था। अब कंपनी ने कुछ समय पहले जियोफोन लॉन्च किया है। इसे 1500 रुपये की डिपॉजिट राशि के साथ पेश किया गया है। इस डिपॉजिट राशि के साथ तीन साल का लॉक-इन पीरियड है। जियोफोन सितम्बर में मार्किट में आने वाला है। हालांकि, इसकी प्री-बुकिंग 24 अगस्त से शुरू हो जाएगी।

यूजर्स जल्द हो सकते हैं शिफ्ट:

यूएस आधारित फर्म 153 रुपये प्रति महीने के प्लान के साथ जियो के सब्सक्राइबर्स को आकर्षित करने की स्थिति को लेकर उलझन में थी। रिपोर्ट के अनुसार- ” अगर उपभोक्ता तीन साल तक 153 रुपये प्रति महीना देने में समर्थ है, तो वह इन तीन साल की अवधि पूरी होने से पहले ही स्मार्टफोन यूजर बन सकता है।

क्या कहते हैं आंकड़ें:

एयरटेल और आइडिया के लिए स्मार्टफोन पेनिट्रेशन उसके सब्सक्राइबर बेस का 40 फीसद पार कर चुका है, वह भी तब जब इसका महत्व्पूर्ण भाग ब्रॉडबैंड (3G/4G) यूजर्स नहीं हैं। इससे यह बात सामने आई की यह स्मार्टफोन यूजर बेस 200 रुपये औसत रेवेन्यू प्रति यूजर पर कार्य करता है । और यूजर्स स्मार्टफोन से फीचर फोन में डाउनग्रेड करने से पहले इसके फायदे और नुकसान पर ध्यान देना चाहेंगे।

हो सकती है प्रोडक्ट वार:

इसके चलते फर्म जियो के लिए एक चैलेंज की उम्मीद कर रही है। यह चैलेंज किसी नई कंपनी और पहले से पैठ जमाएं राइवल की तरह नहीं होगी। यह चैलेंज प्रोडक्ट के आधार पर होगा। जेपी मॉर्गन का मानना है की प्रतिस्पर्धी कंपनियां जियोफोन को मार्किट में अपने तरीके के VoLTE फीचर फोन लाकर टक्कर दे सकती हैं।

अन्य कंपनियां भी सस्ता फीचर फोन लाने की तैयारी में:

मुकेश अम्बानी के जियोफोन के लॉन्च के बाद अन्य प्रतिस्पर्धी कंपनियां हैंडसेट वेंडर्स से बातचीत की प्रक्रिया में है। अन्य कंपनियों की कोशिश है की प्रतिस्पर्धी कीमतों में 4G VoLTE फीचर फोन्स के साथ वॉयस और डाटा सेवाओं के साथ बंडलिंग ऑफर कर उपभोक्तओं को आकर्षित कर सके।

हाल ही में हुई इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इण्डिया ने भी सचेत किया की 4500 रुपये से कम के स्मार्टफोन्स में अच्छे स्पेसिफिकेशन्स नहीं होते और इसी कारण फोन अच्छा परफॉर्म नहीं करते।

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