PBK NEWS | नई दिल्ली: आईफा अवॉर्ड्स में कंगना रनौट और बॉलीवुड में मौजूद ‘भाई-भतीजावाद’ पर मजाक पर फंसे सैफ अली खान वैसे तो पहले ही कंगना रनौट से इस विषय पर माफी मांगने की बात कह चुके हैं, लेकिन अब अपने एक ओपन लेटर में सैफ ने फिर से अपनी सफाई देते हुए इस पूरे विवाद के बड़ा होने के लिए मीडिया और सोशल मीडिया को जिम्मेदार ठहराया है. हाल ही में अपने एक इंटरव्यू में बॉलीवुड में ‘भाई-भतीजावाद’ जैसे विषय पर ‘आनुवांशिकी और युजनिक्स’ की बात कर सोशल मीडिया पर आलोचनाओं का शिकार होने के बाद सैफ ने अपने ओपन लेटर में लोगों की भाषा की समझ पर ही सवाल उठा दिया है. सैफ ने अपने इस लेटर में कहा, ‘ मुझे माफ करें कि आप लोगों को ‘युजनिक्स’ शब्द ‘भाई-भतीजावाद’ के संदर्भ में अटपटा लगा. मुझे लगता है कि आपको अपना दिमाग एक्ट्रेस के कपड़ों से हटा कर किताबों में लगाना चाहिए, ताकि आपका भाषा ज्ञान ठीक हो जाए.’
डीएनए में प्रकाशित सैफ अली खान ने अपने ओपन लेटर की शुरुआत में कहा कि पिछले कुछ दिनों में आईफा के मंच पर करण जौहर, वरुण धवन और मेरे द्वारा किए गए स्किट पर काफी कुछ कहा जा चुका है. सैफ ने लिखा, ‘नेपोटिज्म रॉक्स एक मजाक था. यह ऐसा नहीं था जिसे मैंने लिखा है या मैं जिसमें विश्वास करता हूं. यह हमारे खुद पर किया गया एक मजाक था. इसे तूल नहीं दिया जाना चाहिए था लेकिन मुझे महसूस हुआ कि यह कंगना को आहत कर सकता है. मैंने उन्हें फोन कर पर्सनली माफी मांग ली. यह बात यहीं खत्म हो जानी चाहिए थी.’
आईफा के मंच पर करण जौहर के साथ सैफ अली खान.
सैफ ने अपने इस लेटर में लिखा, ‘मुझे लगता है कि आज की दुनिया में माफी सोशल मीडिया के लिए मांगी जाती है. दरअसल यह माफी सिर्फ अपने फैन्स और लोगों से मांगी जाती है, न कि उस व्यक्ति से. क्योंकि लोग अपना पब्लिक सपोर्ट खोना नहीं चाहते. हम ऐसे समय में ही जी रहे हैं. हम सोशल मीडिया पर एक दूसरे को जन्मदिन विश करते हैं और श्रद्धांजलि देते हैं और यही वह कारण है कि मैं सोशल मीडिया पर नहीं हूं. यह नकली होने का अहसास कराता है. मुझे लगता है कि यह पहली या आखिरी बार नहीं है जब मैंने फनी होने के चक्कर में कुछ बेवकूफी की है, और क्योंकि मैंने कंगना से माफी मांग ली तो अब मुझे किसी और को सफाई देने की जरूरत ही नहीं है.
फिल्म ‘रंगून’ के एक सीन में कंगना रनौट के साथ सैफ अली खान.
सैफ ने अपने इस लेटर में मीडिया के नजरिए को ‘भाई-भतीजावाद’ का असली प्रवर्तक कहा है. सैफ ने लिखा, ‘यदि आप परिवारवाद के असली ध्वजवाहक की बात करें तो मैं मीडिया का नाम लेना चाहूंगा. देखिए वह तैमूर को, शाहिद की बेटी मीशा या शाहरुख के बेटे अबराम को कैसे ट्रीट करते हैं… वे उनकी तस्वीरें लेते हैं और उन्हें महत्व देते हैं ताकि वह अगली बड़ी चीज बन जाए, और बेचारे बच्चों के पास कोई विकल्प नहीं होता. नन्हीं सी उम्र में उन्हें सेलेब्रेटी होने जैसी दिक्कतें झेलनी होती हैं.
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