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महिलाओं की तस्करी रोकने वाली एजेंसी पर केंद्र से जवाब मांगा

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PBK NEWS | नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से संगठित अपराध जांच एजेंसी के गठन की स्थिति पर जवाब मांगा है। शीर्ष अदालत ने केंद्र से महिलाओं एवं बच्चों की तस्करी से मुकाबला करने के लिए एजेंसी और ऐसे मामलों से निपटने के लिए समग्र कानून के बारे में बताने को कहा है।

जस्टिस मदन बी. लोकुर और जस्टिस दीपक मिश्र की पीठ ने याची के वकील की दलील सुनने के बाद अपना आदेश जारी किया। याची की वकील अपर्णा भट्ट ने पीठ से कहा कि अदालत का निर्देश जारी होने के 18 महीने बीत जाने के बाद भी इस दिशा में कुछ नहीं हुआ है।

छह दिसंबर 2015 को शीर्ष अदालत ने 30 सितंबर 2016 तक संगठित अपराध जांच एजेंसी गठित करने का निर्देश दिया था। इस एजेंसी को एक दिसंबर 2016 से काम शुरू करना था। अदालत ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को महिलाओं एवं बच्चों की तस्करी पर समग्र कानून बनाने के लिए समिति गठित करने को कहा था। इसके लिए मंत्रालय को छह माह का समय दिया गया था।

16 नवंबर 2015 को महिला एवं बाल विकास सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित की गई। समिति ने कई बैठकें की लेकिन कानून के मसौदे की आलोचना हुई और उसे वापस ले लिया गया। याची के वकील ने बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय एवं गृह मंत्रालय के बीच मतभेद होने के कारण संसद में विधेयक पेश नहीं हुआ है।

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