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शारदीय नवरात्र 7 अक्टूबर से प्रारंभ, तृतीया और चतुर्थी एक होगी

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इस वर्ष शारदीय नवरात्र 7 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 14 अक्टूबर 2021 तक रहेंगे। उक्त विषय में जानकारी देते हुए पंडित राधे श्याम व पंडित कपिल शास्त्री ने बताया कि हिंदू धर्म में नवरात्रों का बहुत बड़ा महत्व होता है, इन दिनों में मां दुर्गा की आराधना की जाती है। प्रथम नवरात्र को कलश की स्थापना की जाती है। कलश की स्थापना मां दुर्गा के दाहिने हाथ की तरफ की जाती है। कलश के साथ ज्वार बोने का बड़ा महत्व है, ज्वारे इसलिए बोए जाते हैं कि जितने ज्वारे बढ़ते हैं, उतना आपका नववर्ष हैं वो आपका सुख समृद्धि के साथ आता है। हिंदू धर्म में नवरात्र के 9 दिन का विशेष महत्व होता है। पूरे 9 दिन तक माता की अखंड ज्योति जलाने से भक्तों आस्था जुड़ी रहती है। अखंड ज्योति से सकारात्मक ऊर्जा निकलती है, जिसे हमारे जीवन में भौतिक एवम दैविक और अदिक कष्टों को दूर करती है और हमे सुरक्षा चक्र प्रदान करती है। उन्होंने बताया कि 7 अक्टूबर प्रथम नवरात्र, 8अक्टूबर द्वितीय तिथि, 9अक्टूबर तृतीया और चतुर्थ तिथि, 10 अक्टूबर पंचमी तिथि, 11 अक्टूबर षष्टी तिथि, 12 अक्टूबर सप्तमी तिथि, 13 अक्टूबर अष्टमी तिथि, 14 अक्तूबर महानवमी होगी।

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