बादशाहपुर, 19 जुलाई (अजय) : शरीर में अचानक होने वाले बदलाव तथा बनते बिगड़ते आकर तथा जगह जगह बनने वाली गांठों को मरीज द्वारा हल्के में नही लिया जाना चाहिए।
आमतौर पर बढ़ती उम्र के साथ व्यक्ति के शरीर में गांठे बनना आम बात है लेकीन इन गांठे बनने पर लोगों को इन बातों पर ध्यान देना चाहिए। उक्त बातें मल्टीस्पेशलिस्ट संजीवनी अस्पताल के डॉ. रामवीर गोस्वामी ने बोलते हुए कही। उन्होंने कहा कि अक्सर जोड़ो में दर्द होने पर रोगी के एक या कई जोड़ों में दर्द, अकड़न या सूजन आ जाती है। इस रोग में जोड़ों में गांठें बन जाती हैं और शूल चुभने जैसी पीड़ा होती है, इसलिए इस रोग को गठिया भी कहते हैं। गठिया में रोगी को जोड़ो में असह्य पीड़ा होती है, नाड़ी की गति तीव्र हो जाती है, यहाँ तक की बुखार भी आ जाता है।
डॉ. रामवीर गोस्वामी कहते कि गठिया से बचने तथा उसे कम करने के लिए हम बथुआ के ताजा पत्तोंं का रस, आलू का रस, सौंठ का सेवन, अरंडी के तेल की मालिश, भाप से सेंक लें, लहसुन, हरसिंगार की पत्तियाँ के सेवन करने से इस पर कंट्रोल पाया जा सकता है
फोटो : डॉ. रामवीर गोस्वामी
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