PBK NEWS | मुंबई: महाराष्ट्र पुलिस विभाग में 65 हजार 26 आधुनिक हथियारों की कमी है, जो कुल जरूरत का 45 फीसदी है. यह बात नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में कही गई है. मार्च 2016 में समाप्त हुए वर्ष के लिये सामान्य और सामाजिक क्षेत्र पर सीएजी की रिपोर्ट शुक्रवार को महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों के पटल पर रखी गई. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि 9.60 करोड़ रुपये मूल्य के 1834 हथियारों की आपूति जो कुल ऑर्डर की गई सामग्री का 41 फीसदी है, वह छह महीने से साढ़े चार साल की अवधि से आयुध फैक्टरी बोर्ड के समक्ष लंबित है.
रिपोर्ट में कहा गया, ‘बुलेट प्रूफ जैकेट, दूरबीन, बम निरोधक सूट, पोर्टेबल एक्स-रे मशीन जैसे 28.76 करोड़ रुपये मूल्य के महत्वपूर्ण पुलिस उपकरणों की 2011-16 की वार्षिक कार्रवाई योजना के तहत खरीदने की योजना थी. इसे सितंबर 2016 तक नहीं खरीदा गया है.’ रिपोर्ट में कहा गया है कि तकनीकी कर्मचारियों की कमी की वजह से फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं का कामकाज प्रभावित हुआ है. इसकी वजह से एक जनवरी 2017 तक 34 हजार 171 नमूने (18 फीसदी) प्रभावित थे.
रिपोर्ट में कहा गया है कि योजना की निगरानी ढीली थी और ज्यादातर थाने पुलिस की संचालनात्मक प्रभावकारिता का आकलन करने के लिये प्रतिक्रिया समय को नहीं दर्ज कर रहे हैं. महाराष्ट्र सरकार की सभी दर्जे के पुलिस अधिकारियों के लिये अनिवार्य पुलिस गोलीबारी की नीति के बावजूद सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है कि नौ जांचे गए जिले में 2011 से 2016 के बीच सशस्त्र गोलीबारी के अभ्यास में 60 से 71 फीसदी की कमी है.
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