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सोशल मीडिया के साथ संतुलित संबंध बनाए, शराब, सिगरेट से भी ज्यादा खतरनाक है इसकी लत

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लंदन :  सोशल मीडिया के ज्यादा प्रयोग से तनाव और डिप्रेशन बढ़ता है। यही नहीं इससे नींद भी प्रभावित होती है सच कहा जाए तो सोशल मीडिया की लत आपकी सेहत के लिए उतनी ही खतरनाक है, जितना धूम्रपान और शराब पीना है। विशेषज्ञों ने इस लत को कम करने के लिए कदम उठाने की वकालत की है।

ब्रिटेन के ‘रॉयल सोसायटी ऑफ पब्लिक हेल्थ’ (आरएसपीएच) इस संबंध में चेतावनी जारी करते हुए लोगों को अपनी तरह के पहले अभियान ‘स्क्रॉल फ्री सितंबर’ में भाग लेने को प्रेरित कर रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार कई शोध में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि सोशल मीडिया के ज्यादा प्रयोग से तनाव और डिप्रेशन बढ़ता है।

यही नहीं इससे नींद भी प्रभावित होती है और खुद की छवि को लेकर शंका भी पैदा होती है। ‘स्क्रॉल फ्री सितंबर’ अभियान के तहत लोगों से एक महीने के लिए सभी सोशल मीडिया नेटवर्क को छोड़ने का आग्रह किया जा रहा है। यह अभियान रविवार से शुरू हो रहा है।
इस अभियान की शुरुआत करने वालों को उम्मीद है कि इसमें भाग लेने वाले लोग एक महीने के बाद सोशल मीडिया के उपयोग को कम करने में सफल हो पाएंगे। यह ठीक उसी तरह का अभियान है, जिस तरह लोगों में शराब की लत कम करने के लिए ‘ड्राई जनवरी’ शुरू किया गया था। इसी तरह धूम्रपान छुड़ाने के लिए हर साल अक्तूबर महीने में ‘स्टॉपटोबर’ अभियान चलाया जाता है।

विशेषज्ञों के मुताबिक जागरूकता के माध्यम से सोशल मीडिया के साथ एक संतुलित संबंध बनाया जा सकता है। हालांकि यह इसलिए चुनौतीपूर्ण है क्योंकि सोशल मीडिया की लत से छुटकारा पाना बहुत ही मुश्किल है।
‘स्क्रॉल फ्री सितंबर’ अभियान में पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा भाग ले रही हैं। इसके तहत प्रतिभागियों को एक महीने तक फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट, ट्विटर और यूट्यूब से दूर रहना होगा। ब्रिटेन में करीब 3 लाख लोग इस अभियान में हिस्सा ले रहे हैं। आरएसपीएच प्रमुख शिर्ले क्रैमर का कहना है, ‘सोशल मीडिया का अगर सही ढंग से इस्तेमाल किया जाए तो मानसिक स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा रहता है।

साथ ही भावनात्मक साथ के लिए यह एक अच्छा साधन है। मगर जरूरत से ज्यादा उपयोग के खतरे बहुत ज्यादा हैं। उनके मुताबिक यह मुद्दा भी अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं जितना ही महत्वपूर्ण है।

विशेषज्ञों के मुताबिक सोशल मीडिया की वजह से आप वर्तमान में रहना छोड़ देते हैं। यहां तक कि बिस्तर पर जाने से पहले मोबाइल फोन पर स्क्रॉल करना आपकी नींद तक उड़ा सकता है। यही नहीं सोशल मीडिया पर लोगों की अच्छी-अच्छी तस्वीरें देखने से आपके आत्मविश्वास

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