गुरुग्राम, 4 जुलाई (अजय राठौर) : आगामी विधानसभा चुनाव में सोहना विधानसभा क्षेत्र से किसी भी प्रत्याशी के लिए जीत की राह इतनी आसान नहीं होगी, जितना कुछ लोग सोच रहे है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां इस बार सोच-समझकर उम्मीदवारों का चयन करेंगी। जातीय समीकरण, पार्टी सर्वे और संगठनात्मक नेताओं के सुझाव और स्थानीय लोगों की राय सुमारी के आधार पर ही टिकट वितरण किया जाएगा ताकि उम्मीदवार की चुनाव जीतने की संभावनाएं अधिक हो सकें। सोहना विधानसभा क्षेत्र में चुनावी माहौल गर्म होता जा रहा है। स्थानीय और बाहरी प्रत्याशी लगातार क्षेत्र में लोगों के बीच जाकर अपने समर्थन के लिए फोटो सेशन करवा रहे हैं। कुछ भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवार तो ऐसा व्यवहार कर रहे हैं जैसे टिकट पहले से ही उनकी जेब में हो।
स्थानीय राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार का चुनाव संघर्षपूर्ण होगा। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवारों को लेकर सतर्क हैं। पार्टी के उच्च स्तरीय नेताओं द्वारा किए गए सर्वे और जातीय समीकरणों के गहन अध्ययन के बाद ही टिकट का वितरण किया जाएगा। इस बीच स्थानीय उम्मीदवार भी अपनी संभावनाओं को बढ़ाने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं। लगातार जनसंपर्क अभियान चलाकर वे अपनी छवि को निखारने की कोशिश में लगे हैं। दूसरी ओर बाहरी उम्मीदवार भी क्षेत्र में सक्रियता बढ़ा रहे हैं और लोगों के बीच जाकर समर्थन जुटाने का प्रयास कर रहे हैं। यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि कौनसी पार्टी किस उम्मीदवार पर अपना विश्वास जताएगी और किसके सिर पर जीत का सेहरा बंधेगा। फिलहाल, सोहना विधानसभा क्षेत्र में चुनावी सरगर्मी अपने चरम पर है और हर कोई अपने-अपने तरीके से जनता का समर्थन पाने की कोशिश कर रहा है।
Comments are closed.