PBK NEWS | नई दिल्ली । वर्चुअल करेंसी बिटकॉइन को लेकर उद्योग जगत में भी असमंजस की स्थिति में है। उद्योग जगत का एक वर्ग चाहता तो है कि इस करेंसी के इस्तेमाल को बढ़ावा मिले। लेकिन इसके नियंत्रण के लिए आवश्यक तंत्र के अभाव में वह आगे भी नहीं बढ़ना चाहता। उत्तर भारत के महत्वपूर्ण उद्योग चैंबर पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने इस संबंध में एक सर्वे कराया है जिसमें कहा गया है कि बिटकॉइन एक आकर्षक करेंसी तो है लेकिन अत्यधिक उतार-चढ़ाव और अधिक जोखिम के चलते यह संवेदनशील माध्यम भी बन गया है।
बिटकॉइन पर उद्योग के नजरिये से किये गये सर्वे की रिपोर्ट जारी करते हुए पीएचडी चैंबर के अध्यक्ष गोपाल जीवारजका ने कहा कि आने वाले समय में बिटकॉइन को विभिन्न तरह के कारोबार में संभावित लेनदेन और भुगतान प्रक्रिया के तौर पर उपयोग में लाया जा सकता है। लेकिन इसके लिए इस करेंसी को कानूनी तौर पर वैध बनाने और इसके संचालन पर उचित नियंत्रण एवं निरीक्षण की भी जरूरत है।
जीवारजका ने कहा कि एक तरफ बिटकॉइन के लेनदेन के संबंध में विभिन्न पक्षों के बारे में जानकारी का अभाव है, वहीं दूसरी ओर इससे मनी लांडिंग जैसे अवैध लेनदेन भी बढ़ सकते हैं।
क्या है बिटकॉइन:
बिटकॉइन एक वर्चुअल करेंसी (क्रिप्टो करेंसी) जैसी है जिसे एक ऑनलाइन एक्सचेंज के माध्यम से कोई भी खरीद सकता है। इसकी खरीद-फरोख्त से फायदा लेने के अलावा भुगतान के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। पूरे विश्व में कुल 1.5 करोड़ बिटकॉइन चलन में होने का अनुमान है। इस गुप्त करेंसी पर सरकारी नियंत्रण नहीं होता। इसे छिपाकर इस्तेमाल किया जा सकता है। इन्हें रखने के लिए बिटकॉइन वॉलेट उपलब्ध होते हैं।
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