: शहीदी दिवस समारोह को लेकर बड़े बड़े दिग्गज नेताओं की एंट्री होने वाली है। इस समारोह में शामिल होने वाले विशिष्ठ अतिथियों की उपस्थिति से शहीदी दिवस समारोह की और शोभा बढ़ने वाली है। समारोह की तैयारियों को लेकर सतीश यादव नवादा ने कहा कि लोगों को निमन्त्रण देने का कार्य शुरू हो चूका है। गाँव गाँव जाकर लोगों को समारोह में पहुँचने का अनुरोध किया जा रहा है। इस बार शहीदी दिवस समारोह भव्य होने वाला है। लोगों द्वारा की जा रही तैयारियों तथा शहीदों के सम्मान में लोग एकजुटता के साथ इस कार्यक्रम को अलग रूप देना चाहते है। लोगों ने सोशल मीडिया से लेकर अन्य माध्यम से शहीदी दिवस समारोह के प्रचार की भूमिका बनानी शुरू कर दी है। जल्द ही आने वाले दिनों में इस कार्यक्रम को लेकर प्रचार और तेज होगा। बता दें कि यह दिन 1857 में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के महानायक अमर शहीद राव तुलाराम की शहादत पर मनाया जाता है राव तुलाराम का जन्म रेवाड़ी के रामपुरा में 9 दिसंबर 1825 को हुआ था। उस वक्त उनके पिता राव पूर्ण सिंह का रेवाड़ी (अहीरवाल) में राज था। राव तुला राम जब 14 साल के थे तब उनके पिता का देहांत हो गया था। उसके बाद 14 साल की उम्र में ही उन्होंने राज गद्दी संभाल ली। लेकिन पिता की मौत के बाद अंग्रेज़ों ने उनकी रियासत पर धीरे-धीरे कब्जा कर दिया। इसके बाद राव तुलाराम ने अपनी सेना तैयार की। 1857 के विद्रोह की आग जब मेरठ तक पहुंची तो वो भी इस क्रांती में कूद पड़े। राव तुलाराम और उनके भाई के नेतृत्व में रेवाड़ी की सेना ने अंग्रेज़ी हुक़ूमत की नाक में दम कर दिया और रेवाड़ी व उसके आस-पास के कई इलाकों पर कब्ज़ा कर लिया। 23 सितंबर 1863 को उन्होंने काबुल में अंतिम सांस ली। राव तुला राम ने भारत को आज़ाद कराने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
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