बादशाहपुर, 6 अप्रैल (अजय) : भारतीय जनता पार्टी ने आज गुरुग्राम सहित पुरे देश में 39वां स्थापना दिवस मनाया। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने बोलते हुए कहा कि 39 वर्षो के दौरान भाजपा फर्श से अर्श तक पहुंची। जहां आज पार्टी नरेद्र मोदी के प्रधानमंत्री के रूप में देश को मजबूत स्थित तक पहुंचाने में कामयाब हुई है। भाजपा कार्यकर्ता विमल यादव, नीरज यादव, महेंद्र यादव, सुनील त्यागी, अनिल यादव, जगदीश अम्बावता ने बोलते हुए कहा कि बीते 38 वर्षों में भाजपा ने दो सीट से दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी का सफर तय किया है। कांग्रेस से मुकाबला करते हुए भाजपा के लिए ये सफर तय करना आसान नहीं था। इस दौरान पार्टी को कई उठा-पटक और बदलावों के दौर से गुजरना पड़ा।
इसमें लोकप्रिय राजनेता अटल बिहारी वाजपेयी की जगह लालकृष्ण आडवाणी को पार्टी अध्यक्ष बनाने से लेकर भाजपा की वो यात्राएं भी शामिल हैं, जिसने पार्टी एजेंडे में हिन्दुत्ववाद के साथ राष्ट्रवाद का रंग जोड़ा। भाजपा की स्थापना, मंडल कमीशन के दौर में हुई थी, लिहाजा देश में राजनीतिक उथल-पुथल का माहौल था। ऐसे में भाजपा ने हवा का रुख भांपा और लालकृष्ण आडवाणी ने राम मंदिर आंदोलन छेड़ दिया। जातिगत आंदोलन के माहौल में हिंदुत्व भी प्रमुख मुद्दा बन चुका था। 1984 के परिणाम इशारा था कि केवल उदारवादी छवि काफी नहीं है। लिहाजा 1986 में लालकृष्ण आडवाणी को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया गया। इसके बाद 1989 में भाजपा को बड़ी कामयाबी मिली और पार्टी ने लोकसभा में अकेले 85 सीटंक जीतीं, और आज मोदी के नेर्त्तिव में बहुमत की सरकार बनाकर भाजपा विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी है
कब हुई स्थापना?
आपातकाल के दौरान भारतीय जनसंघ और दूसरे राजनीतिक दलों ने महागठबंधन किया और जनता पार्टी का जन्म हुआ। जनता पार्टी ने तत्तकालनी प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की नीतियों के खिलाफ चुनाव लड़ा और पार्टी को बड़ी जीत मिली। लेकिन जनता पार्टी में आंतरिक कलह पैदा हो गई और जनता पार्टी की सरकार अपना कार्यकाल भी पूरा नहीं कर सकी। इसके बाद भारतीय जनसंघ जनता पार्टी से अलग हो गई। 6 अप्रैल 1980 को भारतीय जनता पार्टी के नाम से नई पार्टी का गठन हुआ। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पार्टी के पहले अध्यक्ष बने।
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