गुड़गांव, 13 जनवरी (अजय) : इन उपग्रहों में तीन भारतीय उपग्रह थे, शेष 28 उपग्रह विदेशी राष्ट्रों कनाडा, फिनलैंड, फ्रांस, कोरिया, ब्रिटेन और अमेरिका के थे। हमारा ध्रुवीय रॉकेट और उसकी प्रौद्योगिकी इतनी परिपक्व हो चुकी है कि हमें विदेशी ग्राहक भी उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए मिलने लगे हैं। इस उड़ान के पूर्व हमारे ध्रुवीय रॉकेट ने लघु और मध्यम श्रेणी के 209 विदेशी उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार विदेशी उपग्रह प्रक्षेपण का किराया पंद्रह से बीस हजार डॉलर प्रति ग्राम पेलोड(उपग्रहों का भार) है। इस प्रकार इसरो की विपणन एजेंसी एंटिक्स कॉरपोरेशन ने उपग्रह प्रक्षेपण से अच्छी खासी राशि अर्जित की है।
2018 की शुरूआत में ही देश के अन्तरिक्ष वैज्ञानिकों ने देशवासियों को गर्व करने का एक अवसर प्रदान कर दिया है. आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपना 100वां सैटेलाईट लांच किया है. पीएसएलवी सी-फोर्टी अपने साथ सबसे भारी कार्टोसैट 2 सीरीज के उपग्रह के अलावा 30 दूसरी सैटलाइट भी अंतरिक्ष में ले गया है इस बार इसरो ने एक साथ 31 सैटेलाईट लांच किये जिनमें 28 विदेशी ग्राहकों के है. इसरो के वैज्ञानिक एएस किरण ने बताया कि पिछले पीएसएलवी लॉन्च के दौरान हमें समस्याएं हुईं थी और आज जो हुआ है उससे यह साबित होता है कि समस्या को ठीक से देखा गया और उसमें सुधार किया गया. देश को इस नए साल का उपहार देने के लिए शुभकामनाएं
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