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गर्मियों में माहिलायें रखे इन प्रमुख बातों का ध्यान : डॉ. ऋतू

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गुड़गांव, 10 अप्रैल (अजय) : गर्मियों की शुरुआत के साथ साथ महिलाओं में यूरिन इन्फेक्शन के साथ कई अन्य बिमारियों की चपेट में आ जाती है जिसके लिए महिलाओं को ख़ास ध्यान रखना चाहिए महिलाओं में होने वाली बीमारियों में इन दिनों यूरिन इंफेक्शन की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इसका प्रमुख कारण स्वच्छता न बरतना है। उक्त बातें डॉ. ऋतू खिरोलियाँ ने बोलते हुए कहा उन्होंने कहा कि आमतौर पर यह यूरिनरी कॉर्ड में होने वाला एक संक्रमण है, जिसे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) भी कहा जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक करीब 40 प्रतिशत महिलाएं जीवन में कभी न कभी UTI से ग्रसित होती हैं। यह जीवाणु जन्य संक्रमण है, जिसमें यूरिनरी कॉर्ड का कोई भी भाग प्रभावित हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक यूरिन में जीवाणु नहीं होते हैं और यह संक्रमण यूरिन में जीवाणु की मौजूदगी के कारण होता है। कुछ सावधानियां बरतकर इस संक्रमण से बचा जा सकता है…

समय से इलाज करवाएं
डॉक्टर्स की मानें, तो यूरिन इंफेक्शन होने पर घबराने की जरूरत नहीं है। अगर शुरुआत में इसका सटीक इलाज करवा लिया जाए तो दिक्कत को जड़ से खत्म किया जा सकता है। इसमें दवाओं की हल्की डोज दी जाती है। साथ ही सफाई रखने के तरीके बताए जाते हैं। गर्भावस्था में यूरिन इंफेक्शन होने पर गर्भस्थ शिशु के विकास पर असर पड़ सकता है और वह संक्रमण की चपेट में आ सकता है।

सफाई पर ध्यान दें
गर्भावस्था के दौरान सफाई का विशेष ध्यान रखें। यूटीआई होने पर मरीज को पेशाब में रुकावट, गुप्तांग में लाल चकत्ते पड़ना, जलन और पेशाब में ब्लड पास होने की दिक्कत हो सकती है। इसका ठीक से इलाज न होने पर संक्रमण किडनी तक पहुंच सकता है। इससे शरीर में खून की कमी हो सकती है। किडनी में एरिथ्रोपीटिन नामक हॉर्मोन होता है जिससे बोनमैरो के जरिए रेड ब्लड सेल बनती है। किडनी में इंफेक्शन होने से हॉर्मोन का असर कम होने लगता है, जिससे शरीर में हीमोग्लोबिन घट जाता है।

ज्यादा पानी पिएं
इस संक्रमण से ग्रस्त महिलाओं को पानी और तरल पदार्थों का सेवन ज्यादा करना चाहिए। हर 1 घंटे में पेशाब लगना जरूरी है इसलिए दिनभर में लगभग 10-12 गिलास पानी पीना चाहिए।

पेशाब रोके नहीं
तेज आई पेशाब को रोके नहीं, जब भी पेशाब लगे, तुरंत जाएं वरना UTI होने का खतरा बढ़ जाएगा। पेशाब रोकने के कारण भी यह संक्रमण फैलता है।

सूती कपड़े पहनें
हमेशा कॉटन फैब्रिक के ही अंडरगारमेंट पहनें, जिससे त्वचा हमेशा सूखी बनी रहे और बैक्टीरियल फॉर्मेशन न हो। रोज नहाना और पर्सनल हाइजीन रखने से इस बीमारी से दूर रहा जा सकता है।

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