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फर्श पर सोते थे गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई – पिचाई ने एक साक्षात्कार में अपने तंगहाली के दिनों के बारे में बताया

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नई दिल्ली। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने एक साक्षात्कार में अपने तंगहाली के दिनों का ब्योरा देते हुए बताया कि वह कैसे चेन्नई में पले-बढ़े हैं। उन्होंने कहा ‎कि मेरा जीवन बेहद साधारण रहा है जो अभी की दुनिया के मुकाबले काफी बेहतर था। हम एक मामूली घर में रहते थे जिसे किराए पर भी लगाया गया था। हम कमरे के फर्श पर सोते थे। मैं जब बड़ा हो रहा था तो सूखा पड़ा था जो काफी चिंताजनक था। यहां तक कि आज भी मैं बेड के पास पानी की बोतल रखे बिना नहीं सोता हूं। दूसरे घरों में रेफ्रिजरेटर थे, लेकिन बाद में हमारे यहां आया जो हमारे लिए बड़ी बात थी।

बचपन में सुंदर पिचाई के पास पढ़ने का काफी समय था। मैं जब मौका मिलता है पढ़ता हूं। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से पहले सुंदर पिचाई ने आइआइटी खड़गपुर से पढ़ाई की है। स्टेनफोर्ड में उन्होंने मेटीरियल साइंस एंड इंजीनियरिंग में एमएस किया है।
उन्होंने कहा कि तब कंप्यूटर और लैब तक पहुंच होना उनके लिए बड़ी बात हुआ करती थी। पिचाई ने यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया के वॉर्टन स्कूल से एमबीए भी किया है। उन्होंने 2004 में सर्च इंजन गूगल ज्वाइन किया और तब वो गूगल क्रोम ब्राउजर विकसित करने वाली टीम का हिस्सा थे।

10 साल बाद उन्हें प्रोडक्ट इंचार्ज बनाया गया जिसमें सर्च, ऐड और एंड्रॉयड शामिल थे। 2015 में उन्हें गूगल का सीईओ बनाया गया और पिछले साल गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट के बोर्ड में भी उन्हें जगह दी गई। उन्होंने यह भी बताया है कि उनका बेटा 11 साल का है और वो इथिरम (क्रिप्टो करेंसी) माइन करता है और पैसे कमाता है। उसे इस बात की समझ हो रही है कि दुनिया कैसा काम कर रही है कैसे चीजें चल रही हैं। वह घर में उनके ही बनाए पीसी पर इथिरम की माइनिंग करता है। वह उनसे कागज की करेंसी और बैंकिंग प्रणाली को समझने की कोशिश करता है।

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