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मुम्बई हाजी अली दरगाह परिसर अतिक्रम्रण मामला : सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

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PBK NEWS | मुंबई: मुंबई की हाजी अली दरगाह इलाके में अतिक्रमण के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने बीएमसी से कहा कि हाजी अली दरगाह का सौंदर्यीकरण होना ही चाहिए. बीएमसी दरगाह ट्रस्ट के दिए सौंदर्यीकरण के प्लान को या तो मंजूर करे या संशोधन करे या खुद अपना प्लान बताए.

कोर्ट ने कहा था कि 30 जून तक बीएमसी प्लान सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करें. कोर्ट ने दरगाह ट्रस्ट के अतिक्रमण हटाने के कदम की सराहना की. कोर्ट ने ट्रस्ट को कहा है कि चार हफ्ते में बाकी अतिक्रमण भी हटाएं. दरगाह ट्रस्ट ने एक सौंदर्यीकरण योजना कोर्ट में सौंपी है.

मुंबई की हाजी अली दरगाह के पास अतिक्रमण के मामले में सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई चल रही है.  इससे पहले सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि दरगाह के पास 737 वर्ग मीटर इलाके में अतिक्रमण हटेंगे और दरगाह ट्रस्ट खुद ही अतिक्रमण हटाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने दरगाह ट्रस्ट को खुद ही अतिक्रमण हटाने की इजाजत दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दरगाह ट्रस्ट 8 मई तक खुद ही हटाए अतिक्रमण. हालांकि कोर्ट ने कहा था कि  171 वर्ग मीटर में बनी मस्जिद में तोडफोड नहीं होगी. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर तोडफोड के लिए बनी स्पेशल टास्क फोर्स के तोडफोड कारवाई पर रोक लगा दी थी.

सुप्रीम कोर्ट ने ट्रस्ट को हाजी अली के सौंदर्यीकरण और सुविधाओं को बढाने के लिए योजना बनाकर देने को हरी झंडी दिखाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि इस मुद्दे पर कोई भी कोर्ट कोई आदेश जारी नहीं करेगी.  किसी पक्षकार को दिक्कत है तो वो सुप्रीम कोर्ट आ सकता ह  सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में पक्षकारों को नोटिस जारी किया था.

दरअसल 22 मार्च 2017 को बोंबे हाईकोर्ट ने यहां 908 वर्ग मीटर इलाके में अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे.  हाजी अली दरगाह ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में CJI खेहर की बेंच ने कहा कि वो 908 मीटर में से 171 वर्ग मीटर इलाका जिसमें मस्जिद है, उस पर तोडफोड से रोक लगा देंगे.  लेकिन ट्रस्ट ये सुनिश्चित करे कि बाकी अतिक्रमण को हटाने में वो अथारिटी की मदद करेगा मस्जिद को लेकर वो बाद में सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हाजी अली के पास काफी अतिक्रमण है और ये सिर्फ दुकानें हैं.

लोगों को दरगाह तक पहुंचने में दिक्कत होती है.  कोर्ट ने कहा कि धर्म के लोगों को अतिक्रमण हटाने की कारवाई को स्पोर्ट करना चाहिए दरगाह ट्रस्ट की ओर से कहा गया था कि हाईकोर्ट का आदेश सही नहीं है. ये मस्जिद काफी पुरानी है और 1931 से लीज उसके पास है. हाईकोर्ट के इलाके में तोड़फोड़ के आदेश पर रोक लगाई जानी चाहिए

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