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स्वामी दयानंद सरस्वती ने सती प्रथा का किया था अंत : धर्मेन्द्र तंवर

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गुरुग्राम, 12 फरवरी (ब्यूरो) : अंसल सेसेंसिया आरडब्ल्यूए अध्यक्ष, लोकप्रिय समाजसेवी एवं नगर-निगम गुरुग्राम के वार्ड 25 बादशाहपुर से पार्षद पद के भावी उम्मीदवार धर्मेन्द्र तंवर ने स्वामी दयानंद सरस्वती की जयंती पर उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती आर्य समाज के संस्थापक, महान चिंतक, समाज सुधारक व सच्चे देशभक्त थे। उन्होंने बाल विवाह, सती प्रथा जैसी कुरीतियों को दूर करने में एक अहम भूमिका निभाई थी। सती प्रथा एक ऐसी कुप्रथा थी जिसका दंश समाज सैकड़ों वर्षों तक झेलता रहा। इस प्रथा के तहत पति की मृत्यु पर पत्नी भी पति की  चिता के साथ जलकर स्वयं का अंत कर देती थी। यह कितना भयानक दृश्य होता होगा, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। यह प्रथा लंबे समय तक चलती रही लेकिन किसी ने विरोध नहीं किया। स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महापुरुष ने इसके खिलाफ आवाज उठाई और उन्होंने इस प्रथा का अंत करने के लिए समाज को जागरूक किया। इसी तरह उन्होंने बाल विवाह जैसी कुरीति का भी अंत किया। धर्मेन्द्र तंवर ने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती के विचारों की क्रांति आज भी समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

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