पटना: जदयू के अल्टीमेटम के बाद पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए राजद नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि मुझ पर एफआईआर राजनीतिक साजिश है. ये महागठबंधन को तोड़ने की कोशिश है. मुझे पिछड़ा होने की सजा दी जा रही है. लालू यादव के परिवार पर छापेमारी के बाद पहली राज्य सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये 28 साल के नौजवान से डरते हैं और सवालिया लहजे में पूछा कि जिन आरोपों की बात विपक्ष कह रहा है तब उनकी उम्र 13-14 साल की थी. ऐसे में क्या 13-14 साल की उम्र में घोटाला करेंगे. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर नहीं झुकेगी और जरूरत पड़ने पर जनता के बीच जाएंगे.
मंगलवार को जदयू की तरफ से तेजस्वी यादव को चार दिनों के भीतर लगे आरोपों पर सफाई देने के अल्टीमेटम के बीच राज्य सरकार की बुधवार को अहम कैबिनेट बैठक हो रही है. लालू यादव के परिवार पर छापेमारी के बाद यह पहली कैबिनेट बैठक है. इस बैठक में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और कैबिनेट मंत्री तेज प्रताप यादव भी शामिल हुए हैं.
हालांकि जदयू के अल्टीमेटम के बाद ही महागठबंधन के भविष्य पर सवाल खड़े हो गए हैं. इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को अपनी चुप्पी तोड़ी और उन्होंने साफ किया कि वे सहयोगी लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव से क्या चाहते हैं. तेजस्वी यादव बिहार सरकार में नंबर दो की हैसियत रखते हैं. पार्टी नेताओं की बैठक के बाद जेडीयू पार्टी के प्रवक्ता नीरज कुमार ने सीएम नीतीश कुमार की मंशा को सामने रखते हुए कहा, “जो लोग भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं, उन्हें जनता का सामना करना चाहिए और अपने आपको बेदाग साबित करना चाहिए. हमें भरोसा है कि वे ऐसा करेंगे.”
हालांकि जेडीयू ने तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम का पद छोड़ने के लिए कोई दबाव तो नहीं डाला लेकिन बहुत ही सख्त संदेश जरूर दिया. पार्टी ने कहा कि तेजस्वी को अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बारे में सफाई देनी होगी अन्यथा उन्हें सरकार से इस्तीफा देना चाहिए. हालांकि राजद ने इस पर अपने रुख को स्पष्ट करते हुए कहा है कि किसी भी सूरत में तेजस्वी के इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता.
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