PBK NEWS | चंडीगढ़। हरियाणा के कच्चे कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। राज्य में अस्थायी कर्मचारियों की भर्ती में उनको रियायत मिलेगी। हरियाणा सरकार ने तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की सरकारी नौकरियों में कमजोर वर्ग को भी राहत देने का अहम फैसला किया है। सरकार ने दोनों श्रेणी की नौकरियों में इंटरव्यू सिस्टम पहले ही खत्म कर दिया। अब लिखित परीक्षा के कुल 90 अंक तय कर दिए हैैं। बाकी बचे 10 अंक कमजोर वर्गों को अलग-अलग चार कैटेगरी के तहत मिलेंगे। पहले से काम कर रहे कच्चे कर्मचारियों को भी पक्की नौकरी में अंकों की रियायत मिलेगी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कमजोर वर्गों की चार कैटेगरी बनाई गई। इसके तहत जिस उम्मीदवार के घर में एक भी व्यक्ति सरकारी नौकरी पर नहीं होगा, उसे पांच अंक दिए जाएंगे। विधवा और उन उम्मीदवारों को पांच-पांच अंक मिलेंगे, जिनके सिर से पिता का साया उस समय उठ गया, जब उनकी उम्र 15 वर्ष से कम थी।
एक ही घर में बिना पिता के अगर एक से अधिक उम्मीदवार सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करते हैं तो उनमें से किसी एक को ही इसका फायदा मिलेगा। पहले से विभिन्न विभागों और बोर्ड निगमों में कांट्रेक्ट व एडहाक पर कार्यरत कच्चे कर्मचारियों को भी उनके अनुभव के अनुसार अंक दिए जाएंगे। एक वर्ष के अनुभव का आधा अंक होगा। अगर किसी का 10 वर्ष का अनुभव है तो उसे पांच अंक मिलेंगे लेकिन अधिकतम सीमा पांच अंकों की ही रहेगी।
घुमंतू जातियों के युवाओं को भी फायदा
हरियाणा की उन जातियों के युवाओं को भी पांच अंकों का फायदा होगा, जो न तो अनुसूचित जाति में आते हैं और न ही पिछड़ा वर्ग में। इनमें घुमंतू जातियों के परिवारों को मोटे तौर पर फायदा मिलेगा। इसमें 13 जातियां शामिल हुई हैैं। सांसी की 22 उपजातियां भी इस श्रेणी में लाभ की हकदार होंगी। राज्य सरकार ने घुमंतू, अर्द्ध घुमंतू व टपरीवास जातियों के लिए अलग से बोर्ड का भी गठन किया हुआ है।
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