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प्रधानमंत्री ने कहा- भारत और अमरीका के बीच वृद्धि की गति बरकरार रखने के लिए प्रतिभाओं की जरुरत

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नई दिल्ली,22 जून।प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और अमरीका की प्रथम महिला जिल बाइडन ने वर्जिनिया के एलेक्जेंड्रिया में नेशनल साइंस फाउंडेशन-एनएसएफ गये। उन्‍होंने दोनों देशों की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण उद्योगों में कौशल प्रशिक्षण लेने वाले अमरीका और भारत के विद्यार्थियों से मुलाकात की। इस अवसर पर मोदी ने कहा कि भारत सरकार ने स्कूलों में करीब दस हजार अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं खोली हैं, जहां विद्यार्थियों को विभिन्‍न प्रकार के नवाचारों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्‍ध कराई जा रही हैं। उन्‍होंने कहा कि युवा उद्यमियों को प्रोत्‍साहित करने के लिए भारत सरकार ने स्‍टार्टअप इंडिया मिशन शुरू किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका उद्देश्‍य इस दशक को प्रौद्योगिकी दशक यानी टैकेड बनाना है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्‍यक्‍त की कि उन्‍होंने वाशिंगटन डीसी पहुंचने के बाद युवा और सृजनशील लोगों से मुलाकात की। उन्‍होंने कहा कि एनएसएफ के साथ भारत कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है। प्रधानमंत्री ने यह कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रथम महिला जिल बाइडन के प्रति आभार व्‍यक्‍त किया। उन्‍होंने कहा कि अमरीका की प्रथम महिला का जीवन और उनकी उपलब्धियां भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं।  मोदी ने कहा कि शिक्षा, कौशल और नवाचार बेहतर भविष्‍य के लिए महत्वपूर्ण है। उन्‍होंने कहा कि भारत में सरकार ने नई शिक्षा नीति और एकीकृत शिक्षा और कौशल कार्यक्रम शुरू किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वृद्धि की गति बनाए रखने के लिए भारत और अमरीका को प्रतिभाओं की आवश्यकता है। उन्‍होंने कहा कि एक तरफ अमरीका के पास उच्‍च स्‍तरीय शैक्षिक और प्रौद्योगिकी संस्‍थाएं हैं, वहीं दूसरी तरफ भारत के पास विश्‍व का सबसे बडा युवा केन्‍द्र है।  मोदी ने कहा कि इसलिए उनका मानना है कि भारत-अमरीका भागीदारी सतत और समावेशी वैश्विक विकास का इंजन साबित होगी। उन्‍होंने कहा कि कौशल भारत के अंतर्गत भारत सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्‍लॉकचेन, ड्रोन और अन्‍य क्षेत्रों में पांच करोड से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया है।

प्रधानमंत्री का स्‍वागत करते हुए अमरीका की प्रथम महिला जिल बाइडन ने कहा कि मोदी की सरकारी यात्रा के साथ ही हम विश्‍व के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्र को एक साथ ला रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि यह संबंध केवल सरकारों तक ही नहीं है, बल्कि हम दोनों देशों के बीच पारिवारिक मित्रता बढा रहे हैं। बाइडन ने कहा कि भारत-अमरीका भागीदारी मजबूत और विस्तारवादी है, क्‍योंकि हम वैश्विक चुनौतियों को संयुक्‍त रूप से मुकाबला कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि शिक्षा एक ऐसा मुद्दा है, जो प्रधानमंत्री मोदी और उनके दिल से जुड़ा हुआ है।  बाइडन ने कहा कि  मोदी ने ये सुनिश्चित करने के लिए काम किया है कि सभी भारतीय विशेष रूप से लड़कियों को शिक्षा में आगे बढने का अवसर मिले और आधुनिक कार्यबल की आवश्यकता के अनुसार उन्‍हें कौशल प्राप्‍त हो। उन्‍होंने कहा कि अमरीकी स्‍कूलों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में कुछ नवाचारों का प्रदर्शन काफी महत्‍वपूर्ण रहा।  बाइडन ने कहा कि यदि हम अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना चाहते हैं तो हमें युवाओं में निवेश करने की जरूरत होगी, जो कि हमारे भविष्‍य हैं।

मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि कौशल विकास से जुड़े विशेष कार्यक्रम में अमरीका की प्रथम महिला के साथ शामिल होना सम्‍मान की बात है। उन्‍होंने कहा कि कौशल भारत के लिए उच्‍च प्राथमिकताएं और हम उचित कार्यबल तैयार करने के लिए समर्पित हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता अरिंदम बागची ने कहा कि  मोदी और अमरीका की प्रथम महिला ने युवाओं में व्‍यवसायिक शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देने संबंधी विशेष कार्यक्रम में हिस्‍सा लिया। उन्‍होंने भविष्‍य में कार्यबल तैयार करने के उद्देश्‍य से सामूहिक सहयोग पर विचार-विमर्श किया। श्री मोदी ने शिक्षा, शोध और उद्यमशीलता को प्रोत्‍साहन देने के लिए भारत में शुरू की गई कई पहलों का भी उल्‍लेख किया।

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