“ऐसा पहली बार हुआ है कि हमारे युवा भारतीय महत्वाकांक्षाओं और विकास की सीमा से परे जाकर काम कर रहे है”: केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर
केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बंगाल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित "इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव" के छठे संस्करण को किया संबोधित
नई दिल्ली ,30 अगस्त। केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता तथा इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बंगाल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित भारत आर्थिक कॉन्क्लेव के छठे संस्करण को संबोधित किया। राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने अपने संबोधन में साल 2014 के बाद से भारत में हुए आर्थिक परिवर्तनों उल्लेख किया। उन्होंने जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने के क्रियाकलाप पर जोर दिया।
इस अवसर पर राजीव चन्द्रशेखर ने कहा है कि हम ‘कमजोर 5’ से ‘शीर्ष 5’ अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने तक का एक लंबा सफर तय कर चुके हैं। हमारे प्रधानमंत्री मोदी ने आश्वस्त करते हुए कहा है कि हम वर्ष 2025-26 तक जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए “चोटी की 3 अर्थव्यवस्थाओं” में पहुंच जाएंगे। इसके बाद हम चीन और अमेरिका की श्रेणी में होंगे। उन्होंने बताया कि सरकार ने इस संबंध में अनेक संसाधन जुटाए हैं और हमारे जीएसटी नंबर इसका सबूत हैं। राजीव चन्द्रशेखर ने कहा है कि हमारे देश में आर्थिक विकास महज आंकड़े नहीं हैं, बल्कि यह सरकार के लिए बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश करने तथा हमारे युवा भारतीयों के लिए अवसर पैदा करने के उद्देश्य से अधिक से अधिक संसाधन उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने बुनियादी ढांचे पर खर्च के लिए अब तक का सबसे अधिक धन आवंटित किया है।
राजीव चंद्रशेखर ने 2014 के बाद से भारत के आर्थिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण परिवर्तन की ओर भी सभी का ध्यान आकृष्ट कराया, जहां पर स्टार्टअप को विस्तार के लिए अधिक स्थान मिलता है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस अवधि से पहले अर्थव्यवस्था में बड़े पैमाने पर सार्वजनिक क्षेत्र, राज्य सरकार तथा कुछ कॉरपोरेट दिग्गजों का वर्चस्व था, जिससे युवा उद्यमियों के लिए अवसर सीमित हो गए थे।
राजीव चन्द्रशेखर ने कहा है कि एक व्यापक परिवर्तन ने भारत को उसके अतीत से अलग हटाकर वर्तमान तक लाकर नया आकार दिया है। उन्होंने कहा कि साल 2014 से पहले, हमारे आर्थिक परिदृश्य पर सार्वजनिक क्षेत्र, राज्य सरकार और कुछ कॉरपोरेट दिग्गजों का वर्चस्व था, जिससे युवा भारतीयों एवं उद्यमियों के लिए विस्तार के उद्देश्य से बहुत कम जगह बची थी। उन्होंने कहा कि इसीलिए छोटी कंपनियां छोटी रह गईं और बड़ी कंपनियां बड़ी होती गईं। जिसके कारण छोटी कंपनियों को अपने अस्तित्व के लिए सक्षम ढांचे के बिना ही संघर्ष करना पड़ा। लेकिन आज, देश की जीडीपी का एक बड़ा हिस्सा हमारे युवा भारतीयों और स्टार्टअप्स द्वारा ही सृजित किया जाता है। उन्होंने कहा कि पहली बार युवा भारतीयों की महत्वाकांक्षाओं तथा विकास की कोई सीमा नहीं तय है। राजीव चन्द्रशेखर ने कहा है कि जो एक समय अकल्पनीय था, उसकी गारंटी अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इस सरकार ने दी है।
राज्य मंत्री ने भारत की प्रशासनिक गतिविधियों संबंध में वैश्विक धारणा में बदलाव पर भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि भारत को दशकों तक अपार संभावनाओं वाले महान देश के रूप में जाना जाता था। हालांकि, इसे निष्क्रिय प्रशासन के लिए भी एक राष्ट्र के रूप में माना जाता था। राजीव चन्द्रशेखर ने कहा, वैश्विक धारणा इस तरह की रही है कि भारत में लोकतंत्र कभी भी ठीक से काम नहीं कर सकता, खासकर चीन जैसे सत्तावादी देशों की तरह ही। यह मत कई वर्षों तक कायम भी रहा है। उन्होंने कहा कि साल 2015 में, हमारे प्रधानमंत्री ने व्यवस्था में बदलाव लाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करके इस धारणा में परिवर्तनकारी बदलाव की शुरुआत की। केंद्रीय मंत्री ने कहा, प्रौद्योगिकी को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) और जन धन योजना जैसी पहल के माध्यम से यह सुनिश्चित करने के लिए नियोजित किया गया था कि भारत सरकार द्वारा आवंटित प्रत्येक 100 रुपये बिना किसी भ्रष्टाचार और देरी के अपने इच्छित नागरिक के बैंक खाते में पहुंच जाए।
बंगाल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव ने दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत के उदय और हिंद-प्रशांत गालियारे में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया है।
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