PBK NEWS | कैथल। भाजपा और आरएसएस के समर्थक नगर परिषद कैथल के चेयरमैन यशपाल प्रजापति को 20 दिन की उठापटक के बाद नाराज पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव की बैठक में हटा दिया गया। 31 में से 21 पार्षदों ने प्रजापति के खिलाफ हाथ खड़े किए। बैठक की अध्यक्षता कर रही डीसी सुनीता वर्मा ने प्रस्ताव पारित कर दिया। चेयरमैन सहित शेष 10 पार्षद इस बैठक में पहुंचे ही नहीं। लिहाजा डीसी ने 21 पार्षदों से हलफनामे लेकर सील कर दिए।
डीसी सुनीता वर्मा ने पुष्टि करते हुए कहा कि यशपाल प्रजापति के खिलाफ बहुमत से अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया है। इसके बाद वे अब इस पद पर नहीं रहेंगे। नगर परिषद कार्यालय में एक तरफ भाजपा और आरएसएस के समर्थन चेयरमैन यशपाल को हटाए जाने की प्रक्रिया चल रही थी, वहीं भवन के बाहर भाजपा व कांग्रेस के कार्यकर्ता भिड़ गए। कई नेताओं व कार्यकर्ताओं चोटें आई हैं। दो मनोनीत पार्षद एडवोकेट रमेश गुप्ता और डॉ.जितेंद्र ठकराल को भीड़ ने पीट डाला।
पुलिस को बीचबचाव करके उन्हें खदेड़ना पड़ा, लेकिन इस हंगामे में कुछ पुलिस अधिकारियों को भी चोट आई। थाना शहर प्रभारी रमेश चंद्र को हाथ पर डंडा लगा है। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मपाल शर्मा और प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अरूण सर्राफ ने कहा कि कांग्रेस के विधायक रणदीप सिंह सुरजेवाला के इशारे में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला किया है।
ऐसे गंवाई यशपाल ने कुर्सी
27 जुलाई को 31 में 22 पार्षदों ने डीसी को चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव और शपथ पत्र सौंपे थे। इनमें भाजपा के 14 और कांग्रेस के आठ पार्षद शामिल हैं। उन्होंने जल्द से जल्द मीटिंग बुलाने की मांग की थी, लेकिन प्रशासन ने 15 दिन तक बैठक ही नहीं बुलाई। सभी नाराज पार्षद पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चले गए। हाईकोर्ट ने प्रशासन को एक हफ्ते में बैठक बुलाकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे।
इस समय सीमा के आखिरी दिन यह बैठक बुलाई थी। इस दौरान भाजपा के 14 में से एक पार्षद नरेश नायक पाला बदल गए थे। जिससे चेयरमैन के पक्ष में नौ से बढ़कर दस पार्षद हो गए थे। बृहस्पतिवार को हुई बैठक में असंतुष्ट पार्षद तो सभी पहुंचे, लेकिन न तो चेयरमैन ही आए और न ही उनके पक्ष का कोई पार्षद। लिहाजा दो तिहाई कोरम पूरा होने पर डीसी ने बैठक की कार्यवाही शुरु की।
डीसी सुनीता वर्मा ने कहनगर परिषद के चेयरमैन यशपाल प्रजापति के विरुद्ध 21 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव जताया था। बैठक में यह सभी पार्षद मौजूद थे।उन्होंने मांग की कि हाथ खड़े करके वे अविश्वास प्रस्ताव पारित करना चाहते हैं। कानून के अनुसार प्रक्रिया पूरी की गई। यशपाल प्रजापति के खिलाफ प्रस्ताव पास हो गया है।
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