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एकात्मक मानववाद भाजपा का मूल दर्शन : कमल यादव

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गुरुग्राम, 8  जुलाई (ब्युरो) : भाजपा के संविधान की धारा तीन के अन्तर्गत एकात्मक मानववाद को पार्टी का मूल दर्शन बताया गया है। गुरुग्राम भाजपा जिला अध्यक्ष ने हाल ही में आयोजित एक बैठक में पार्टी की विशेषताओं और इसके दर्शन पर विस्तार से प्रकाश डाला। गुरुग्राम भाजपा जिला अध्यक्ष ने कहा पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने अपने सुदीर्घ चिन्तन, अध्ययन एवं मनन के बाद सन् 1964-65 में एकात्मक मानववाद की विचारधारा का प्रणयन किया। यह विचारधारा भारतीय संस्कृति और परंपराओं पर आधारित है, जिसमें समाज के सभी वर्गों के कल्याण और समग्र विकास का दृष्टिकोण शामिल है।

 उन्होंने आगे बताया कि एकात्मक मानववाद का उद्देश्य केवल आर्थिक प्रगति नहीं है, बल्कि मानवता के सभी पहलुओं का समग्र विकास करना है। इस दर्शन के तहत समाज के सभी वर्गों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखा जाता है और उनके समुचित विकास के लिए योजनाएं बनाई जाती हैं। जिला अध्यक्ष ने भाजपा पार्टी की अन्य विशेषताओं पर भी रोशनी डालते हुए कहा भाजपा का उद्देश्य न केवल सत्ता प्राप्त करना है, बल्कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना है। पार्टी ने हमेशा से ही जनसेवा को प्राथमिकता दी है और इसके लिए कई योजनाओं और कार्यक्रमों की शुरुआत की है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा का एकात्मक मानववाद केवल एक राजनीतिक विचारधारा नहीं है, बल्कि यह समाज के सभी वर्गों के विकास और उत्थान के लिए एक मार्गदर्शक सिद्धांत है। इस विचारधारा के माध्यम से पार्टी ने समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक विकास की रोशनी पहुंचाने का प्रयास किया है।

 गुरुग्राम भाजपा जिला अध्यक्ष ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के योगदान की सराहना करते हुए कहा, उनका चिंतन और दर्शन आज भी हमारे लिए प्रेरणा स्रोत है। उन्होंने जिस समग्र विकास की कल्पना की थी, वह आज भी हमारे नीतियों और कार्यक्रमों का आधार है। गुरुग्राम भाजपा जिला अध्यक्ष ने पार्टी कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे एकात्मक मानववाद के सिद्धांतों को अपने जीवन में अपनाएं और समाज के हर वर्ग की सेवा के लिए तत्पर रहें। हम सभी को मिलकर समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन लाना है और इसके लिए हमें पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को आत्मसात करना होगा।

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