PBK News, 17 अप्रैल (ब्यूरो) : डिस्प्रिन का प्रयोग हम शरीर के किसी भी हिस्से में होने वाले हल्के-फुल्के दर्द में करते हैं। उदाहरण के तौर पर, सिरदर्द, बदन दर्द, दांत में दर्द या फिर कमर दर्द में प्रयोग की जाती है। इसके लिए हमें डॉक्टर से सलाह नहीं लेनी पड़ती। हाँ अगर बात छोटे बच्चों, 16 वर्ष से कम उम्र के बालकों या बुजुर्गों को देने की हो तो डॉक्टर की सलाह आवश्यक होती है। उक्त बातें स्वास्तिक अस्पताल बादशाहपुर की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. ऋतू खिरोलिया ने बोलते हुए कही उन्होंने कहा कि डिस्प्रिन टेबलेट को जब किसी भी प्रकार के दर्द में लिया जाता है, तो यह शरीर में जाकर उस एंजाइम साइक्लो-क्सीजिनेज (सीओएक्स) की सक्रियता को ब्लॉक कर देती है, जो जो शरीर में दर्द और सूजन पैदा करने वाले यौगिक प्रोस्टाग्लैंडिन के बनने की प्रक्रिया में हिस्सा लेता है। यानी डिस्प्रिन इस पूरी प्रक्रिया को रोकने का कार्य करती है। जिससे व्यक्ति को दवाई लेने के बाद दर्द में आराम महसूस होता है। चलिए शरीर को दर्द से राहत देने वाली डिस्प्रिन जिसे एस्पिरिन के नाम से भी जाना जाता है के कुछ संभावित दुष्प्रभावों के बारे में जान लेते हैं, जिनकी जानकारी इसके प्रयोग कर्ताओं को होना भी जरुरी है।
डिस्प्रिन से परेशानियां
डॉ. ऋतू कहती है कि डिस्प्रिन के कारण किसी व्यक्ति को पेट में दर्द, जलन, सूजन या असहजता की समस्या हो सकती है। डिस्प्रिन के कारण जठरशोथ की समस्या हो सकती है, और यदि किसी को पहले से यह समस्या हो तो उसे और ज्यादा तकलीफ हो सकती है। पेट और आँतों में छाले हो सकते हैं और उनसे रक्त स्त्राव हो सकता है। एलर्जी की समस्या भी हो सकती है। त्वचा पर चकते हो सकते हैं या होठों, गले और जीभ पर सूजन हो सकती है।
डॉ. सुझाव :
स्वास्तिक अस्पताल की डॉ. ऋतू खिरोलिया कहती है कि किसी भी अवस्था में शरीर में होने वाले दर्द के लिए कोई भी दवा खाने से पहले डॉक्टरों से परामर्श ले कई स्थिति में शरीर में होने वाले दर्द को लेकर दवा की की कोई बड़ी आवश्यकता नही होती कुछ नुक्से इस्तेमाल करके भी इन दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है
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