PBK NEWS | लखनऊ: रायबरेली में 5 ब्राह्मणों को जिंदा जला देने के मामले में योगी सरकार के मंत्री आमने-सामने हैं. कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि वे ब्राह्मण नहीं गुंडे थे जबकि कानून मंत्री बृजेश पाठक कहते हैं कि ये कातिलों को बचाने की कोशिश है. इसपर उन्हें सजा मिलनी चाहिए. 26 जून को को रायबरेली के अपटा गांव में 5 ब्राह्मण नौजवानों को आपसी रंजिश में जिंदा जला दिया गया था. ब्राह्मण बीजेपी का कोर वोट बैंक है इसलिए मौर्य के बयान से पार्टी में बेचैनी है.
पांचों को एक गाड़ी में जिंदा जला दिया गया. वो गांव के प्रधान के घर आए थे. उनसे कुछ झगड़ा हुआ, शोर मचा दिया गया कि वो प्रधान पर हमला कर रहे हैं. वो भागे तो भीड़ ने उनकी गाड़ी पलटकर आग लगा दी. दो गाड़ी में ही जिंदा जल गए, तीन भागे तो उन्हें पीट-पीटकर मार डाला गया और जलती गाड़ी में फेंक कर जला दिया.
राज्य के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य कहते हैं, ‘ब्राह्मणों की हत्या नहीं हुई, अपराधियों की हत्या हुई है. और अगर वो अपने थानों के हिस्ट्रीशीटर अपराधी हैं तो उनको अपराधी कहने में गुरेज क्यों कर रहे हैं.’
मौर्य के बयान के खिलाफ यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने कातिलों पर एनएसए लगाने की बात कही. लेकिन प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक कहते हैं कि जांच के दौरान कातिलों को बचानपे की कोशिश भी अपराध है और आईपीसी में इसकी सजा भी है.
लखनऊ के जीपीओ पार्क में गांधीजी की मर्ति के नीचे समाजवादी पार्टी इस मुद्दे पर धरना दे रही है. पीट कर मारे गए और जिंदा जलाए गए इन लोगों को बाहरी गुंडे बताने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को ये लोग मुद्दा बना रहे हैं.
समाजवादी पार्टी से एमएलसी अशो वाजपेयी कहते हैं, ‘शर्म आनी चाहिए सरकार में बैठे ऐसे जिम्मेदार व्यक्ति को जो अपराधियों को संरक्षण देने का काम कर रहा है, अपराधियों की वकालत कर रहा है. अच्छा होता कि अपने क्षेत्र में हुए इस निर्मम घटना में उसे इन मृतकों का साथ देना चाहिए था.’
बहरहाल अब बीजेपी की कोशिश यही है कि जितना भी डैमेज कंट्रोल हो सकता है किया जाय. और पार्टी का जो ब्राह्मण कोर वोट बैंक उसमें कोई दूसरा और गलत संदेश न जाने पाए.
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