[post-views]

नाम की गलती में NRI को विमान पर चढ़ने से रोक किया गिरफ्तार, विजिलेंस पर जुर्माना

64

PBK NEWS | चंडीगढ़ । पंजाब विजिलेंस ब्यूरो को नाम की गलती में एनआरअाइ को विमान पर चढ़ने से पहले से रोक लिया और गिरफ्तार कर लिया। बाद में उसे इस गलती का अहसास हुआ कि आरोपी के बदले उसने किसी और को पकड़ लिया है। विजिलेंस को यह गलती भारी पड़ी है और पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट ने उस पर पांच रुपये का जुर्माना लगा दिया है। जुर्माने की यह राशि संबंधित अधिकारी से वसूलने का हाई कोर्ट ने अादेश दिया है।

दरअसल, विजिलेंस ने सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर गुरदेव सिंह सयान की जगह लंदन निवासी गुरदेव सिंह को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रोक लिया और गिरफ्तार कर लिया। बाद ने उसे इसका पता चला। हाईकोर्ट ने इस मामले में विजिलेंस ब्यूरो की माफी की मांग खारिज करते हुए पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने मुख्य सचिव को आदेश दिया कि वे एनआरआइ गुरदेव को लंदन का विमान किराया व पांच लाख रुपये मुआवजा दें और उससे पंजाब सरकार की तरफ से माफी भी मांगें। मुआवजा राशि विजिलेंस के दोषी कर्मचारी से वसूली जाए।

हाईकोर्ट ने विजिलेंस पर लगाया पांच लाख का जुर्माना, कहा- दोषी अफसर से वसूले जाएं पैसे

जस्टिस एबी चौधरी ने कहा कि बड़ी शर्म की बात है कि विजिलेंस ब्यूरो की लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना रवैया से विदेश में पंजाब व देश की इज्जत को नुकसान पंहुचा। यह गलती माफ करने योग्य नहीं है। इससे सरकारी कर्मचारी के काम के रवैये की झलक दिखती है कि वे अपना काम कैसे लापरवाही से करते हैं।

जस्टिस चौधरी ने कहा कि इस मामले में गलती की कोई संभावना नहीं थी क्योंकि जिस गुरदेव सिंह को रोका गया उसके नाम के साथ सयान नहीं था और उसका पासपोर्ट लंदन स्थित भारतीय दूतावास के माध्यम से बना है और उसका पता लंदन का है। फिर विजिलेंस ब्यूरो ने उसको कैसे रोक लिया, क्या उसका पासपोर्ट, इस पर लगी फोटो को नहीं देखा गया?

हाई कोर्ट ने कहा कि सरकारी कर्मचारी रोजाना ज्यादा वेतन व सुविधा की तो मांग करते रहते हैं लेकिन वे अपने काम को अच्छे तरीके से क्यों नहीं करते? इस मामले में एडवोकेट जनरल की भूमिका पर कुछ नहीं कहा जा सकता, क्योंकि वकील तो कोर्ट में वही कहेगा जो उसके क्लाइंट ने उसे जानकारी दी है। विजिलेंस को एजी को जानकारी देने से पहले तथ्यों की सही जांच करनी चाहिए थी। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि वो आदेश का पालन कर स्टेटस रिपोर्ट भी दे।

यह था मामला

सिंचाई विभाग के चीफ इंजिनीयर गुरदेव सिंह सयान के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया था। विजिलेंस ने उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया है।  गुरदेव ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका भी दायर की है। कोर्ट ने उनके विदेश जाने पर रोक लगा रखी है। 2 नवंबर को विजिलेंस को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट नई दिल्ली से सूचना दी गई कि गुरदेव सिंह सयान नामक एक व्यक्ति लंदन जा रहा है। एयरपोर्ट अथारिटी ने उनको रोक लिया। कुछ समय बाद विजिलेंस ब्यूरो ने बिना जांच किए ही गुरदेव को गिरफ्तार कर लिया लेकिन बाद में पता चला कि यह लंदन निवासी गुरदेव सिंह है।

News Source: jagran.com

Comments are closed.