PBK NEWS | चाईबासा। अति नक्सल प्रभावित झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले के गुदड़ी ब्लॉक में अब नक्सली वर्चस्व की जगह गणतंत्र का परचम लहरा रहा है। पिछड़े ब्लॉकों में शुमार इस नक्सल प्रभावित इलाके की सूरत खुद ग्रामीणों ने ही बदल दी। कुछ समय पहले तक यहां न बिजली थी, न सड़क। न थाना, न ब्लॉक दफ्तर। नक्सलियों का खौफ ऐसा था कि अधिकारी यहां आने की हिम्मत नहीं करते थे। लेकिन एक अफसर ने यहां के माहौल को बदल कर रख दिया। उन्होंने ग्रामीणों के मन में ऐसा भरोसा जगाया कि सभी ने नक्सलवाद को परास्त करने की ठान ली।
चूंकि इस इलाके में अधिकतर जमीन आदिवासियों की है, इसलिए उसकी खरीद-बिक्री भी नहीं होती। यही कारण रहा कि इलाके में सरकार को जमीन ही नहीं मिल रही थी। ऐसे में दान में मिली जमीन वरदान साबित हुई। एक व्यक्ति ने सबसे अधिक पांच एकड़ जमीन दान दी। फिर कुछ अन्य लोगों ने अपनी जमीनें दान कर दीं। इतना ही नहीं, नक्सली खलल न डाल सकें, इसलिए खुद गांव के लोग ही निर्माण कार्यों की निगरानी भी करते रहे। नतीजा यह हुआ कि अब यहां ब्लॉक कार्यालय, अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए आवास और इंडियन रिजर्व बटालियन का कैंप बनकर तैयार है। थाना और पॉवर सब स्टेशन भी बन रहा है। सड़क व बिजली की समस्या भी दूर हो रही है।
ऐसे बदला गांव का मिजाज
2014 में झारखंड प्रशासनिक सेवा के संजय कुमार सिन्हा की पोस्टिंग सोनुवा में सीओ के रूप में हुई। उन्हें गुदड़ी ब्लॉक अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार मिला। संजय सिन्हा ने गुदड़ी पर ध्यान दिया। गांव और ग्रामीणों की समस्याओं के प्रति नए अफसर ने दिलचस्पी दिखाई, उनकी हर समस्या को गंभीरता से सुना, समाधान किया। उन्हें समझाया तो गांववालों में विश्वास जागा। उनकी कार्यशैली से गांव के लोग प्रभावित हुए। इसके बाद गांव के विकास के लिए लोग जमीन दान देने को तैयार हो गए। आज गुदड़ी में आठ करोड़ की लागत से ब्लॉक कार्यालय और आवास आदि बन चुके हैं।
लोगों का प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ने से यह क्रांतिकारी बदलाव संभव हो पाया। सौ वर्ष पीछे चलने वाला गुदड़ी गांव अब रफ्तार पकड़ चुका है। एक दिन यह श्रेष्ठ ब्लॉक बनेगा, ऐसा विश्वास है। – प्रवेश कुमार साव, प्रभारी बीडीओ और क्षेत्राधिकारी, गुदड़ी
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