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कमजोरी व हड्डी रोग को बढ़ावा देता है विटामिन D की कमी

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PBK News : आहार से विटामिन D की पर्याप्त मात्रा ले पाना असंभव है। सूर्य के प्रकाश से सीधा सम्पर्क ही आपके शरीर में विटामिन D उत्पन्न करने का एकमात्र विश्वसनीय तरीका है। उक्त विषय पर बोलते हुए डॉ. ऋतू ने कहा कि
कुछ आहारों में विटामिन D की थोड़ी मात्रा होती है, जेसा कि वसायुक्त मछली, जिगर का माँस, अंडे की जर्दी, शक्ति मिश्रित दूध, डेरी उत्पाद और सन्तरे का रस, शक्ति मिश्रित अनाज और मक्खन, शक्ति मिश्रित सोया उत्पाद (टोफू और सोया दूध), पनीर,मशरुम जिसके खाने के साथ साथ हमे सूर्य के प्रकाश को भी लेना उतना ही आवश्यक है जितना की  विटामिन युक्त आहार

इनसे परहेज करे

  • तले वसायुक्त आहार, नमक, शक्कर, और अन्य शक्कर युक्त उत्पादों तथा संतृप्त वसा से भरे आहारों के उपयोग को कम करें।

  • कैफीन का प्रयोग सीमित करें. कैफीन विटामिन D के अवशोषण में अवरोध उत्पन्न करता है।

योग और व्यायाम

बाहरी वातावरण में व्यायाम करने से ठन्डे महीनों में भी विटामिन D का स्तर पर्याप्त विकसित होता है। वजन सहने वाले (चलना, दौड़ना, नाचना, स्कीइंग करना आदि) और प्रतिरोधक व्यायाम (वजन उठाना, और पानी के तगड़े व्यायाम) व्यायाम के प्रभावी तरीके हैं।

घरेलू उपाय (उपचार)

  • शरीर में विटामिन D का स्तर बढ़ाने के लिए, गर्मी के मौसम में, एक दिन में 15 – 30 मिनट तक, सूर्य के सामने, बगैर सनस्क्रीन लगाये, खड़े रहें।

  • यदि आप कम सूर्य प्रकाश वाले क्षेत्र में रहते हैं तो विटामिन D3 का पूरक आहार लें।

  • 40 वर्ष से अधिक आयु की महिलाएँ यदि विटामिन D की कमी से ग्रस्त हैं, तो उनमें ओस्टियोपोरोसिस होने की संभावना ज्यादा होती है। कमी की स्थिति में उन्हें विटामिन D के पूरक आहार लेने चाहिए।

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