बादशाहपुर, 30 जनवरी (अजय) : गुरुग्राम एवं मानेसर नगर निगम चुनाव की प्रतीक्षा कर रहे उम्मीदवारों को बड़ा झटका उस वक्त लगेगा, जब वह पार्टी के अंदरूनी टिकट वितरण समीकरण पर खरें नही उतरेगें। नगर-निगम चुनाव में पार्षद एवं मेयर के लिए अपना भाग्य अजमाने वाले नेताओं को अब निगम क्षेत्र व सभी वार्ड में सक्रिय होना पड़ेगा, तभी उन्हें कमल की टिकट मिलेगी। खासतौर से कमल पर चुनाव लड़ने वाले नेताओं को जानकारी के अनुसार अभी से अपने वार्ड में सक्रिय होना पड़ेगा और जिताऊ उम्मीदवार के तौर पर खुद को शाबित करके दिखाना होगा। जन्मदिन एवं त्यौहार के मौके पर मात्र होडिंग प्रचार से अपने छोटे मोटे नेताओं को खुश करके कमल की टिकट नही मिलेगी, बल्कि लोगों के बिच जाकर स्वयं की उपस्थिति दर्ज कराने पर खुद को योग्य उम्मीदवार के रूप में शाबित करना होगा। इसके आलावा पार्टी द्वारा योग्य उम्मीदवार के लिए अंदरूनी सर्वे भी किया जाता है, जिसके आधार पर भी उम्मीदवारों का चयन किया जाता है। कुछ माह पहले निगम के उपचुनाव में झाड़ू वाली नेत्री को कमल के निशान पर लड़ा कर साफ़ कर दिया कि कमल पर अब केवल उसी को चुनाव लड़ाया जाएगा जोकि पार्टी के लिए केवल जीत का दम भरता हो। जानकारी के अनुसार जिन लोगों की टिकट कटी उन्हें यह कहते हुए समझाया गया कि पार्टी द्वारा विभिन्न समीकरणों को ध्यान में रखते हुए चुनाव के लिए मैदान में उतारा जाता है, जिस पर वह फिट नही बैठे जिसकी वजह से उनकी टिकट कट गई। गुरुग्राम एंव मानेसर नगर निगम से उन्ही उम्मीदवारों को पार्षद एवं मेयर के लिए मैदान में उतारा जायेगा, जोकि निगम क्षेत्र में सक्रिय रहते हुए लोगों बिच मोजूद रहे और पार्टी के लिए समर्थित हो। निगम क्षेत्र में उम्मीदवारों के सक्रिय होने से उम्मीदवार के जीतने के ज्यादा मौके होते है। पैरासूट से उम्मीदवार बनकर चुनाव लड़ने वाले से ज्यादा क्षेत्र में सक्रिय उम्मीदवारों के जीतने के ज्यादा मौके होते है, जिस पर पार्टी भी टिकट देने के लिए अपनी जल्द मोहर लगाती है। पार्टी के अंदरूनी सर्वे के अनुसार निगम चुनाव में इच्छुक उन्ही उम्मीदवारों को इस बार कमल पर चुनाव लड़ाया जाएगा, जोकि पार्टी की नीतियों को घर-घर पहुंचाएगा और निगम क्षेत्र में सक्रिय होगा।
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