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नशे के सभी आरोपियों को पकड़ने की कहानी एक जैसी ही क्यों है : हाईकोर्ट

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PBK NEWS | चंडीगढ़। एनडीपीएस मामलों में नशे के साथ पकड़े जाने वाले अभियुक्तों के मामलों में पुलिस की कहानियों को एक जैसा बताते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने ऐसे हर मामले की वीडियो रिकार्डिंग अनिवार्य करते हुए हरियाणा व पंजाब सरकार से जवाब मांगा है। साथ ही दोनों राज्यों को यह भी बताना होगा कि उनके क्षेत्र में कितने पुलिस स्टेशन हैं और हर पुलिस स्टेशन में प्रवेश और निकास द्वारों की संख्या कितनी है।

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पुलिस द्वारा लोगों को अवैध हिरासत में रखने के बढ़ते मामलों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई आरंभ की है। हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई पर हरियाणा-पंजाब के हर थाने के प्रवेश और निकास द्वार के साथ ही लॉकअप पर सीसीटीवी कैमरा लगाने और जांच, नाके व पेट्रोलिंग के दौरान वीडियो रिकार्डिंग करने पर जवाब मांगा था।

हाई कोर्ट ने कहा था कि मोबाइल पेट्रोल यूनिट वीडियो रिकार्डिंग करें ताकि जिस मौके पर पुलिस पहुंची है उसे रिकार्ड किया जा सके। हरियाणा सरकार की ओर से हाई कोर्ट को बताया गया कि उन्होंने पुलिस को 303 डिजिटल कैमरा व 79 वीडियो कैमरा मुहैया करवाएं हैं। ज्यादातर पुलिस स्टेशन में सीसीटीवी कैमरा लगा दिए गए हैं। हाई कोर्ट ने इस पर डीजीपी को फटकार लगाते हुए कहा कि जब तक वीडियो कैमरा का इस्तेमाल अनिवार्य नहीं किया जाएगा इनका कोई मतलब नहीं रह जाएगा।

एनडीपीएस के मामलों में जिस तरह से लगभग सभी अभियुक्तों को पकड़ने की कहानी एक सी होती है वह शंका पैदा करती है। अभियुक्तों को घर से उठाया जाता है और किसी नाके या सड़क पर उसकी नशे के साथ गिरफ्तारी दिखाई जाती है। ऐसे मामलों में वीडियो रिकार्डिंग अनिवार्य होने से बेकसूरों को फंसाया नहीं जा सकेगा।

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