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टूट जायेगी नगर-निगम एस.सी. आरक्षित बादशाहपुर सीट !

वोटों के आकड़ों के हिसाब से इस बार जनरल सीट पर होगें चुनाव !

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बादशाहपुर, 1 जुलाई (अजय) : नगर-निगम वार्ड 25 पिछली दो योजनाओं से एस.सी. आरक्षित है। जहां से अनुसूचित जाति का प्रत्याशी पार्षद बनता आ रहा है। वही इस बार फिर वार्डबंदी होने के चलते बादशाहपुर जनरल होने की सम्भावना जताई जा रही है। आकड़ों की बात करें तो पिछली बार इंदिरा आवास कॉलोनी खेड़की दौला में एस.सी. वोट ज्यादा होने से वार्ड 25 में एस.सी. वोट का आकड़ा बढ़ गया जिसकी वजह से वार्ड 25 आरक्षित हो गया। यदि यह कॉलोनी वार्ड से हट जाती है तो वार्ड फिर भी जनरल हो जाएगा। वही इस बार फिर से वार्डबंदी होने के चलते वार्डो में बड़ा फेरबदल होने जा रहा है। जिसकी वजह से बादशाहपुर एस.सी. आरक्षित टूटने की बाते सामने आ रही है। जानकारी के अनुसार बादशाहपुर कस्बा जनरल होने वाला है। लोगों में चर्चा है कि बादशाहपुर दो भागों में भी बट सकता है, नेशनल हाइवे के एक तरफ वार्ड अलग होगा और हाइवे के दूसरी तरफ वार्ड अलग होगा। वार्डबंदी में पुराने बादशाहपुर के साथ विभिन्न सेक्टर एवं कॉलोनियां तथा सोसाइटी जुड़ने से वार्ड जनरल हो सकता है तो वही दूसरी तरफ दरबारीपुर रोड का हिस्सा अलग वार्ड होने के बावजूद भी जनरल रहने की सम्भावना जताई जा रही है। इससे साफ़ नजर आ रहा है कि इस बार यदि बादशाहपुर में 2 वार्ड भी बनेगे तो जनरल उम्मीदवार ही चुनाव लड़ेगें।

कहा किसकी रहेगी दावेदारी :

यदि वार्ड दो हिस्सों में बट भी जाता है तो पुराने बादशाहपुर कस्बे के तरफ वाले वार्ड की बात करें तो इस तरफ सभी जातियों के लोग रहते है, जहां त्यागी, अहीर, अनुसूचित जातियों का ज्यादा दबदबा है तो वही पंजाबी, बनिया, लखेरा (मनिहार), सुनार, सैनी, नाई, धोबीयों का भी काफी प्रभाव है। जिससे टिकट की लड़ाई यहा अहीर, त्यागी में ज्यादा संघर्ष देखने को मिल सकता है। तो वही दूसरी तरफ दरबारीपुर रोड के तरफ के वार्ड की बात करें तो अहीर जाति का यहाँ ज्यादा दबदबा है, तो वही सैनी, वाल्मीकि, झिमर व अन्य जातियों का भी प्रभाव कम नही है। इस तरफ अहीर व सैनियों में टिकट की दावेदारी देखि जा सकती है।

टिकट पर किसका रहेगा दबदबा :

नगर निगम चुनाव में बादशाहपुर क्षेत्र में टिकट का ज्यादा प्रभाव नही देखा जाता, यहाँ व्यक्ति विशेष चेहरे की ज्यादा भूमिका का महत्व है। लोगों का कहना है कि यदि सताधारी पार्टी क्षेत्र की जनता के अनुरूप किसी अन्य व्यक्ति को टिकट देकर चुनाव लड़ाने का प्रयास करेगी तो उसे मुहं की खानी पड़ेगी। यहाँ लोगों के विरुद्ध न चलकर जनता से जुड़कर चलने वाले व्यक्ति को ही क्षेत्र की जनता पलकों पर बैठाकर चुनाव जीताती है, जिसका सबसे बड़ा उदहारण निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद और निर्दलीय और टिकट पर जीते पार्षद सुभाष फौजी है।  इस खबर पर अपना सुझाव जरुर दें : मोबाइल 9811513537 व्हाट्स एप्प करें 9811513537

फोटो : नगर निगम गुरुग्राम फ़ाइल चित्र

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