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मासिक धर्म में होने समस्याओं पर महिलायें रखे इन बातों का ध्यान : डॉ. ऋतू

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PBK News, 6 जुलाई (ब्यूरो) : महिलाओं में हर महीने मासिक धर्म के दौरान होने वाली समस्याओं पर बोलते हुए महिला रोग विशेषज्ञ डॉ ऋतू खिरोलिया कहती है कि इन समस्याओं से निपटने के लिए महिलाएं इन बातों पर ध्यान देते हुए खुद को लाभ पहुंचा सकती है डॉ. ऋतू कहती है कि मासिक धर्म के दौरान, उन्हें बहुत सी तकलीफों का सामना करना पड़ता है। क्योंकि मासिक धर्म एक प्राकर्तिक प्रक्रिया है और इसमें कोई दखलअंदाजी नहीं की जा सकती। लेकिन कुछ तरीकों से इस परेशानी को थोड़ा-बहुत कम जरूर किया जा सकता है। हालाँकि ऐसा नहीं है कि यह परेशानी हर एक महिला को एक जैसी ही होती हो। किसी को यह कम हो सकती है और किसी को ज्यादा।

 महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. ऋतू कहती है कि कुछ महिलाएं बेहद आसानी से बिना घबराहट के इस दौर से गुजर जाती हैं, वहीं कुछ महिलाओं को इनकी शुरुआत से पहले ही इसका डर सताना शुरू हो जाता है। इस तरह की स्थिति में महिलाओं को दवाओं का प्रयोग करना पड़ता है पर वह स्थिति ऐसी होती है कि यह जानते हुए भी कि इन दवाओं के बहुत से दुष्प्रभाव भी होते हैं, महिलाओं को इनका सेवन करना ही पड़ता है।

ऐसे में, महिलाओं के लिए ये तीन फल बहुत मददगार साबित हो सकते हैं। जिनके सेवन से न सिर्फ पीएमएस (मासिक धर्म) में होने वाले क्रैंप्स और दर्द में राहत मिलती है बल्कि, मतली और मानिसक परेशानी जैसी समस्याओं में भी राहत मिलती है।

खरबूजा

जिन महिलाओं को पीरियड्स के दौरान, दर्द बहुत ज्यादा होता है उनके लिए खरबूजा सहायक हो सकता है। खरबूजे में थक्कारोधी गुण होता है और यह थक्कों को घोल कर मांसपेशियों में ऐंठन को कम कर देता है। जिससे मांशपेशियों में ऐंठन से राहत मिलती है।

केला  
अब यह बात अध्ययनों में भी साफ़ हो चुकी है कि केला खाने से मासिक धर्म में होने वाले दर्द और क्रैंप्स में राहत मिलती है। दरअसल केले में, एंटी-क्रैम्पिंग प्रॉपर्टी (विटामिन B6) मौजूद होती है। जो क्रैंप्स को कम करने में मदद करती है। साथ ही यदि आपको मासिक धर्म के दौरान, सूजन की समस्या भी होती है तो केले से आपको उसमें भी राहत मिल सकती है। हालाँकि आप केले खा सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप केले से बने चिप्स को भी इस समस्या में फायदेमंद समझे।
अनानास

अनानास, मासिक धर्म के दौरान, दर्द का कारण बनने वाली मांशपेशियों को रिलेक्स करता है। जिससे उनमें होने वाली ऐंठन कम होती है और दर्द में राहत मिलती है। यह क्रैंप्स को कम करने के साथ-साथ रक्त के बहाव को भी ठीक करता है। साथ ही मानसिक कष्ट को भी कम करता है।

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