PBK NEWS | दबाव के क्षणों में पारी का बिखरना भारतीय टीम को भारी पड़ा. मैच के तनाव से भरे अंतिम क्षणों में स्थिति को बखूबी अपने पक्ष में करते हुए मेजबान इंग्लैंड ने महिला वर्ल्डकप जीत लिया. फाइनल में इंग्लैंड ने भारत को 9 रन से शिकस्त देते हुए न सिर्फ चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया बल्कि इस जीत से उसने प्रतियोगिता के पहले मैच में मिताली राज की टीम के हाथों मिली हार का बदला भी चुका गया.
भारतीय टीम दूसरी बार प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंची थी लेकिन एक बार फिर उसे उपविजेता रहकर संतोष करना पड़ा. भारतीय टीम ने इससे पहले वर्ष 2005 में प्रतियोगिता के फाइनल में स्थान बनाया था तब भी उसे खिताब से वंचित होना पड़ा था. नजर डालते हैं उन कारणों पर जिनके कारण भारत को हार का सामना करना पड़ा.
अहम मौके पर पूनम राउत का आउट होना
ओपनर पूनम राउत ने आज 86 रन की जोरदार पारी खेली. वे जब तक विकेट पर थीं, भारत जीत की ओर मजबूती से बढ़ता नजर आ रहा था. पारी के 43वें ओवर में पूनम का आउट होना भारतीय टीम को भारी पड़ गया. इसके बाद पतझड़ का दौर शुरू हो गया. टीम का चौथा विकेट 191 के स्कोर पर गिरा और पूरी टीम 219 रन पर आउट हो गई. 28 रनों के बीच में टीम ने सात अहम विकेट गंवाए.
शिखा पांडे का रन आउट होते ही उम्मीदों को झटका
210 रन के स्कोर पर सात विकेट गिरने के बाद दीप्ति शर्मा और शिखा पांडे की जोड़ी भारतीय टीम के लिए सहारा बनी थी. इन दोनों ने सातवें विकेट के लिए 17 रन की साझेदारी की. इस समय तक स्कोर 218 रन तक पहुंच चुका था. यह उम्मीद बंधने लगी थी कि ये दोनों भारतीय टीम को जीत तक पहुंचा देंगी. बहरहाल यह संभव नहीं हो सका. विकेट के बीच की गफलत के कारण शिखा पांडे को रन आउट होना पड़ा. 218 के स्कोर पर वे आउट हुई और 219 के स्कोर पर पूरी टीम पेवेलियन जा बैठी.
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