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कुश्ती के भीष्म पितामह गुरु हनुमान की मनाई 122वीं जयंती : बेगराज यादव

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बादशाहपुर, 15  मार्च (अजय) : देश के हर गांव ख़ास तौर से हरियाणा के हर गाँव में सुबह-शाम नवयुवक अखाड़े में व्यायाम करते मिल जाते हैं। उक्त विषय में बेगराज यादव भाजपा नेता ने गुरु हनुमान की 122वीं जयंती मनाते हुए कहा कि पहले कुश्ती में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की कोई पहचान नहीं थी। इसे पहचान दिलाने का श्रेय गुरु हनुमान को जाता है। गुरु हनुमान का असली नाम विजय पाल था। भारतीय मल्लयुद्ध के आदर्श देवता हनुमान जी से प्ररित होकर विजय पाल ने अपना नाम बदल कर हनुमान रखा और आजीवन ब्रह्मचारी रहने का प्रण कर लिया था। आज देश में उनकी 122वीं जयंती मनाई जा रही है, जिसके लिए वह उन्हें नमन करते है। गुरु हनुमान भारतीय कुश्ती जगत के भीष्म पितामह समझे जाने वाले पद्मश्री दौ दौर्णचार्य गुरु हनुमान की आज धूमधाम से जन्म जयंती देश के सभी राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय पहलवान की मोजुदगी में मनाई गई, जहां हवन यज्ञ और भंडारा भी आयोजित हुआ।

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